नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कर्जदारों को बड़ी राहत दी है। उन्हें एक तरह से दिवाली का उपहार देते हुए उनके दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ब्याज-राहत देने की शुक्रवार को देर रात घोषणा की। यह राहत इस सीमा के तहत आने वाले सभी कर्जदारों को मिलेगी, चाहे उन्होंने किस्त भुगतान से छह महीने की मोहलत (मोरेटोरियम) का विकल्प चुना हो या नहीं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ब्याज राहत लागू करने का निर्देश दिये जाने के बाद वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने इस योजना को लागू करने संबंधी दिशानिर्देश जारी किए। इस निर्णय से सरकारी खजाने पर 6,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अनुमान है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने 1 मार्च 2020 से 31 अगस्त 2020 के बीच के 2 करोड़ रुपये तक के लोन पर 6 महीने की अवधि के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर को अनुग्रह राशि के तौर पर कर्जदारों को भुगतान से संबंधित गाइडलाइन को मंजूरी दे दी है। इसका मतलब है कि केंद्र सरकार ने लोन पर ब्याज पर ब्याज माफी संबंधी दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी है।
यह लाभ पात्रता मानदंड के अनुसार, ऋण संस्थानों के माध्यम से प्राप्त होगा। इस योजना के अंतर्गत 2 करोड़ रुपये तक की एमएसएमई के लिए लोन, होम लोन, एजुकेशन लोन, क्रेडिट कार्ड बकाया, ऑटो लोन, उपभोक्ता वस्तुओं के लिए लोन, पर्सनल लोन और खपत लोन शामिल हैं।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने केद्र सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किये गए लोन मोरेटोरियम में 2 करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ब्याज पर ब्याज छूट योजना को शीघ्र लागू करने के दिशानिर्देश दिये थे।
केंद्र द्वारा जिन दिशानिर्देशों को मंजूरी दी गई है, उनके अनुसार, वित्तीय संस्थान और बैंक पात्र कर्जदारों के लोन अकाउंट में मोरेटोरियम अवधि के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर की राशि को जमा करेंगे। इसका फायदा उन कर्जदारों को मिलेगा, जिन्होंने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा घोषित मोरेटोरियम योजना का आंशिक या पूर्ण रूप से लाभ उठाया है।
दिशानिर्देशों को मंजूरी मिलने के बाद अब बैंक और वित्तीय संस्थान संबंधित कर्जदार के लोन अकाउंट में पैसा डालेंगे और केंद्र सरकार से उसका भुगतान लेंगे। इस ब्याज पर ब्याज की माफी से सरकारी खजाने पर 6,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।