बेंगलुरु। पब्लिक अफेयर सेंटर (PAC) द्वारा शुक्रवार को यहां जारी पब्लिक अफेयर इंडेक्स-2020 (PAI-2020) के मुताबिक, बड़े राज्यों की श्रेणी में केरल देश का सबसे सुशासित राज्य है, जबकि सबसे अधिक आबादी वाला उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर है। पीएसी ने कहा कि राज्यों की रैंकिंग स्थायी विकास के संदर्भ में एकीकृत सूचकांक पर आधारित है। बेंगलुरु से संचालित इस गैर लाभकारी संगठन द्वारा शुक्रवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इस संगठन के अध्यक्ष भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, शासन के संदर्भ में बड़े राज्यों की श्रेणी में शीर्ष 4 रैंकों पर दक्षिणी राज्य- केरल (1.388 पीएआई सूचकांक अंक), तमिलनाडु (0.912), आंध्र प्रदेश (0.531) और कर्नाटक (0.468) काबिज हैं। इस श्रेणी में उत्तर प्रदेश, ओडिशा और बिहार आखिरी पायदान पर हैं। इन राज्यों की पीएआई अंक नकारात्मक है। रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश को ऋणात्मक (Negative) 1.461, ओडिशा को ऋणात्मक 1.201 और बिहार को ऋणात्मक 1.158 पीएआई मिला है।

 छोटे राज्यों की श्रेणी में गोवा सबसे बेहतर

छोटे राज्यों की श्रेणी में गोवा को 1.745 पीएआई के साथ शीर्ष रैंकिंग मिली है। इसके बाद मेघालय (0.797) और हिमाचल प्रदेश (0.725) का स्थान है। इस श्रेणी में सबसे खराब प्रदर्शन मणिपुर (ऋणात्मक 0.363), दिल्ली (ऋणात्मक 0.289) और उत्तराखंड (ऋणात्मक0.277) का है।

केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ टॉप पर

पीएसी के मुताबिक, 1.05 पीएआई के साथ चंड़ीगढ़ देश का सबसे बेहतरीन शासित केंद्र शासित प्रदेश है। इसके बाद पुडुचेरी (0.52), लक्षद्वीप (0.003) तथा  दादरा और नगर हवेली (ऋणात्मक 0.69) का स्थान है.

पीएसी के मुताबिक, सुशासन का आकलन स्थायी विकास के संदर्भ में तीन आधारों- समानता, विकास और निरंतरता के आधार पर किया गया।

रिपोर्ट जारी करते हुए कस्तूरीरंगन ने कहा, ‘‘पीएआई- 2020 से जो साक्ष्य और अंतरदृष्टि मिलती है, वह हमें भारत के भीतर चल रहे आर्थिक और सामाजिक बदलाव पर विचार करने के लिए विवश करती है।”

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