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स बार की दीपावली पर रामनगरी अयोध्या की आभा पिछली बार से भी अधिक अलौकिक-अद्भुत होगी। 11 से 13 नवंबर तक सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी और  नया घाट पर चौथे दीपोत्सव पर 5.5 लाख दीप जगमग होंगे। कार्यक्रम का दूरदर्शन पर भी प्रसारण होगा। कार्यक्रम को वर्चुअल तौर पर सोशल मीडिया पर देखा जा सकेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल के पहले वर्ष 2017 में अयोध्या में पहला भव्य दीपोत्सव आयोजित किया था। इस बार चौथा दीपोत्सव होगा जिसका मुख्य कार्यक्रम 13 नवंबर को होगा। इसमें सरयू तट पर 30 ब्लॉक बनकर 5.50 लाख दीप जगमग किए जाएंगे। राम मनोहर लोहिया अवध विश्विद्यालय को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। दीपोत्सव में मंच के पास थ्रीडी पैटर्न पर पुष्पक विमान उतारने का भी आभास होगा। गिनीज बुक रिकार्ड के लिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि दिए करीब पौन घंटे तक जगमग हों। इन दीपों को जगमग करने के लिए विश्वविद्यालय 7 हजार वालंटियर्स लगाएगा। सरयू तट पर पास धारकों को ही प्रवेश मिलेगा।

उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के दीपोत्सव को सरकारी कार्यक्रम का दर्जा दिया है। साथ ही ग्रीन एवं सोलर सिटी बनाने के लिए योजनाओ पर काम शुरू कर दिया है। यहां क्रूज पर सरयू आरती दिखाने की योजना पर भी काम चल रहा है। पिछले दिनों इसका प्रजेंटेशन यूपी के पर्यटन विभाग एवं सरकार के अधिकारियों के समक्ष किया गया।

विश्व स्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल बनेगी राम की नगरी

राम मंदिर निर्माण के लिए 1200 पिलर बनाने की प्रक्रिया भी इसी माह में शुरू होनी है। राम मंदिर को साढ़े तीन साल में बनाने का लक्ष्य है। अयोध्या को विश्व स्तरीय धार्मिक पर्यटन स्थल बनाने के लिए के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की सरकार हर जतन कर रही है।

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र ने राम मंदिर  परिसर का दौरा कर लार्सन टुब्रो कंपनी द्वारा बनवाए जा रहे टेस्ट पिलर पर भार की टेस्टिंग प्रक्रिया की जानकारी चैन्नई एवं रुड़की आईआईटी के भवन विशेषज्ञ से ली। इसकी विस्तृत  रिपोर्ट कि अभी प्रतीक्षा है। लार्सन ने 1200 कंक्रीट पिलर के लिए 2 प्लांट मंदिर परिसर में लगाए हैं। टाटा कंस्ट्रक्शन कंपनी भी अब मंदिर निर्माण में तकनीकी सहयोग कर सकती है।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के ट्रस्टी अनिल कुमार मिश्र एवं महामंत्री चम्पत राय के अनुसार ट्रस्ट के 2 खातों में अब तक लगभग पौने 5 करोड़ रुपये का दान मिल चुका है। अब तांबे की पत्तियों को भी दान में लिया जाएगा। राम मंदिर को हजारों साल तक की मजबूती एवं भव्य रूप  देने के लिए विशेषज्ञों की टीम लगी है।

निर्भय सक्सेना

(लेखक उपजा के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं)

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