बरेली। प्रतिबंध के बावजूद खेत में पड़ी पराली में लगाई गई आग की लपटों ने आसपास के किसानों को कभी न भूलने वाले जख्म दे दिए। इन किसानों की करीब 800 एकड़ रकबे में खड़ी गन्ने की फसल राख हो गई। मामला हाफिजगंज के सुंदरी गांव का है। प्रभावित किसानों ने गांव के ही तीन सगे भाइयों के खिलाफ तहरीर दी है।

सुंदरी में मंगलवार शाम एक किसान परिवार ने अपने खेत में पड़ी गन्ने की पराली को आग लगाई थी। देखते ही देखते लपटें आस-पास के खेतों तक पहुंच गईं और गन्ने की तैयार फसल को अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटों को देख ग्रामीण खेतों की ओर दौड़ पड़े और आग पर काबू पाने की कोशिश करने लगे। फायर ब्रिगेड को भी सूचना दी गई। ग्राणीणों का कहना है कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची। ग्रामीणों और दमकल कर्मियों ने किसी तरह आग बुझाई पर तब तक करीब दो दर्जन किसानों की उम्मीदें खाक हो चुकी थीं।

ग्रामीणों के अनुसार हरीश पंडित, भगवान दास, विशम्भर दयाल, गंगा दयाल, रामेश्वर दयाल, हरिपाल, राजू, राजेन्द्र प्रसाद, श्रीदेव, रामभरोसे, सुभाष, हरिशंकर, चतुर बिहारी, रामचरण, विद्यराम, रमेश चन्द्र, , छेदालाल, हरिनन्दन, बृजनन्दन, रामचरण आदि किसानों की 800 बीघा गन्ने की फसल जलकर राख हो गई है। इन किसानों का आरोप है कि गांव के ही तीन सगे भाइयों ने आसपास के किसानों के मना करने पर भी अपने खेत में पड़ी गन्ने की पराली में आग लगा दी। उन्होंने ऐसा करने से रोकने की कोशिश की तो गाली-गलौच करने लगे। पीड़ित किसानों ने उक्त तीनों भाइयों के खिलाफ हाफिजगंज थाने में तहरीर दी है। साथ ही प्रशासन से मुआवजे की भी मांग की है।

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