नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से झटके खा रही अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कई बड़ी घोषणाएं की हैं। रोजगार के मुद्दे पर प्रदर्शन मजबूत करने के लिए वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (Aatmanirbhar Bharat Rozgar Yojana) की घोषणा की जो 1 अक्टूबर से लागू होगी और 30 जून 2021 तक लागू रहेगी। इससे पहले प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना की घोषणा की गई थी।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का मकसद संगठित क्षेत्र में रोजगार देने की कोशिश बताया गया है। इसका लाभ उन लोगों को मिलेगा जो पहले भविष्य निधि (ईपीएफ, EP) में रजिस्टर्ड नहीं थे। 15 हजार रुपये से कम वेतन पाने वाले कर्मचारी इसके तहत लिये जाएंगे। जिनकी नौकरी इस साल 1 मार्च से 30 सितंबर के बीच गई होगी और 1 अक्टूबर या उसके बाद रोजगार मिला हो तो उन्हें इसका लाभ मिलेगा।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि जो संस्थान ईपीएफ के तहत रजिस्टर्ड हैं उन्हें नए कर्मचारी जोड़ने पर सरकार से सब्सिडी मिलेगी। यह स्कीम 30 जून 2021 तक लागू रहेगी। एलिजिबल एंप्लॉयी के लिए दो सालों तक सरकार कंपनी को सब्सिडी देगी।
गौरतलब है कि ईपीएफ फंड में 12 प्रतिशथ शेयर कर्मचारी और इतना ही नियोक्ता की तरफ से जमा किया जाता है। लेकिन, इस स्कीम के तहत कुल 24 प्रतिशत का भुगतान सरकार की तरफ से नए कर्मचारियों के लिए किया जाएगा। इसका लाभ दो वर्षों के लिए मिलेगा।
सितंबर 2020 रेफरेंस मंथ
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत जब किसी संस्थान के साथ कोई नया कर्मचारी जुड़ेगा तो सरकार की तरफ से उसे सब्सिडी मिलेगी। सितंबर 2020 में एंप्लॉयी बेस को रेफरेंस माना जाएगा। कितने नए कर्मचारियों को नौकरी मिली है, उसका हिसाब इसी आधार पर होगा।
नियोक्ता के लिए शर्तें
नियोक्ता को सब्सिडी का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होगा। अगर किसी कंपनी में 50 कर्मचारी काम करते हैं तो वहां 2 नए कर्मचारियों की नौकरी लगने पर संस्थान को सब्सिडी का फायदा मिलेगा। अगर किसी संस्थान में पहले से 50 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं तो वहां पांच नए कर्मचारियों की नौकरी लगने पर सब्सिडी का फायदा मिलेगा।