नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना की तीसरी लहर के बीच हालात तेजी से बिगड़ते देख अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार फिर से सख्ती बरत सकती है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसके संकेत दिए। दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें छोटे स्तर पर लॉकडाउन की इजाजत मांगी गई है। अगर केंद्र इजाजत देता है तो ज्यादा संक्रमण वाले इलाकों में लॉकडाउन लगाया जा सकता है। दरअसल, दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से रोजाना कोरोना वायरस संक्रमण के हजारों नए मामले सामने आ रहे हैं और हर घंटे औसतन तीन लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हो रही है। बीते सोमवार को ही 3,797 नए पॉजिटिव केस सामने आए थे।
केजरीवाल ने कहा कि कुछ बाजारों में दिवाली के समय काफी लापरवाही देखने को मिली। लोग न तो मास्क पहन रहे थे, और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख रहे थे। अगर हमने पाया कि बाजारों में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा और वह जगह कोरोना हॉटस्पॉट बन सकती है तो ऐसे स्थानों को कुछ दिनों के लिए बंद करने की इजाजत दिल्ली सरकार को दी जाए, ऐसा प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है। विवाह समारोहों में मेहमानों की संख्या 200 तक रखने की छूट दी गई थी लेकिन संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे 50 तक सीमित रखने का प्रस्ताव उप राज्यपाल (एलजी) को भेजा गया है।
एक दिन पहले ही दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने ये कहा था
आपको याद होगा कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को कहा था कि राजधानी में कोविड-19 की तीसरी लहर खत्म हो गई है। उन्होंने यह भी कहा था कि लॉकडाउन लागू करने की की योजनवा नहीं है। जैन ने कहा था, “दिल्ली में फिर से लॉकडाउन नहीं लगेगा। मुझे नहीं लगता कि अभी ये प्रभावी कदम साबित होगा। सबका मास्क पहनना ज्यादा फायदेमंद है।”
कोरोना गाइडलान्स का उल्लंघन करने वाले लोगों के दिल्ली में बड़े पैमाने पर चालान किए जा रहे हैं। अभी तक दिल्ली में मास्क न लगाने वाले लोगों से चालान के तौऱ पर 45 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं।