नई दिल्ली। अमिताभ बच्चन की आगामी फिल्म “झुंड” विवादों की “झाड़ियों” में ऐसी फंसी कि निकलना मुश्किल हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके प्रदर्शन पर लगी रोक हटाने से बुधवार को इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे,  न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने तेलंगाना हाईकोर्ट हाईकोर्ट के बीते 19 अक्टूबर के आदेश के खिलाफ सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज (टी सीरीज) की अपील खारिज कर दी।

हाईकोर्ट ने “झुंड”  के प्रदर्शन पर रोक लगाने के निचली अदालत के आदेश में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया था। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज की जा रही हैं। इसके परिणामस्वरूप इस मामले में लंबित आवेदन, यदि कोई हों, निस्तारित माने जाएं।”

यह फिल्म गैर सरकारी संगठन स्लम सॉकर के संस्थापक विजय बर्से के जीवन पर आधारित है और इसे अमेजन प्राइम के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर इसी महीने प्रदर्शित होना था। इससे पहले यह फिल्म मई में रिलीज होने वाली थी लेकिन कोरोना वायरस  महामारी की वजह से ऐसा नहीं हो सका था।

हैदराबाद के लघु फिल्म निर्माता नंदी चिन्नी कुमार ने फिल्म निर्माताओं पर कॉपीराइट के कथित उल्लंघन का आरोप लगाया है लेकिन दूसरे पक्ष ने इससे इन्कार किया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी की कि यह एक दिलचस्प मामला है और वह निर्देश देगी कि इसकी सुनवाई छह महीने के अंदर पूरी की जाए। फिल्म निर्माता की ओर से पेश वकील ने कहा कि छह महीने में यह फिल्म बेकार हो जाएगी और वे इस व्यक्ति को पैसा देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित पक्षों के बीच 1.3 करोड़ रुपये की धनराशि पर सहमति हुई थी।

कुमार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा ने कहा कि निचली अदालत में लंबित इस प्रकरण का छह महीने के भीतर निस्तारण करने का न्यायालय निर्देश दे सकता हैय़ तेलंगाना की एक निचली अदालत ने 17 सितंबर को इस मामले की सुनवाई पूरी होने तक फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। निचली अदालत के फैसले को तेलंगाना हाईकोर्ट ने 19 अक्टूबर को बरकरार रखा था।

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