वाशिंगटन। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से त्राहि-त्राह कर रही दुनिया के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर है। और यह खुशखबरी और कहीं से नहीं बल्कि कोरोना की सबसे ज्यादा मार झेल रहे अमेरिका से आयी है। अमेरिका में कोरोना वैक्सीन कार्यक्रम के प्रमुख मोन्सेफ सलौई ने कहा है, “11-12 दिसंबर को पहली वैक्सीन लगाई जा सकती है।”

मोन्सेफ सलौई ने बताया, “हमारी योजना है कि वैक्सीन की मंजूरी मिलने के 24 घंटे के भीतर इसको उन जगहों पर पहुंचाया जा सके, जहां टीकाकरण का काम होगा। इसलिए मुझे उम्मीद है कि 11-12 दिसंबर तक ऐसा हो सकता है।” सलौई ने कहा कि अगर एफडीए द्वारा मंजूरी मिल जाती है, तो वैक्सीन लगाने का काम अगले दिन से शुरू किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मई तक देश के उन सभी लोगों को वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी जिसको इसकी जरूरत है।

गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को अमेरिका की दिग्गज फार्मास्यूटिकल कंपनी फाइजर (Pfizer) और उसकी जर्मन साझेदार बायो एनटेक (BioNTech) ने अपनी कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की अनुमति के लिए अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन (एफडीए) में आवेदन किया था, जिस पर 10 दिसंबर को परामर्श समिति की बैठक होनी है। फाइजर ने बायो एनटेक के साथ मिलकर यह वैक्‍सीन बनाई है। फाइजर ने कोरोना वायरस के खिलाफ 95 प्रतिशत असरदार टीका विकसित किया है। वह दुनिया की उन पहली दवा कंपिनयों में से हैं जिन्‍होंने फेज 3 की स्‍टडी के अंतरिम नतीजे जारी किए हैं।

अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में पहले नंबर पर है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में 12 मिलियन (1.2 करोड़) से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और अबतक लगभग 2 लाख 55 हजार लोगों की मौत हुई है।

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने चेतावनी दी है कि देश भर में कोरोनो वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। सीडीसी ने अमेरिकियों से आग्रह किया है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 26 नवंबर को थैंक्स गिविंग के लिए बाहर जाने से बचें। एक अनुमान के मुताबिक, पिछले साल लगभग 26 मिलियन (2.6 करोड़) लोगों ने इस दौरान यात्रा की थी।

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