बरेली। संस्कार भारती के तत्वावधान में संस्था के ऑफिसर्स कॉलोनी, नकटिया स्थित कार्यालय पर काव्य संध्या एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कमांडेंट पीएसी बटालियन विकास कुमार वैद्य रहे जबकि अध्यक्षता वरिष्ठ शायर विनय सागर जायसवाल ने की।

मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के पश्चात काव्य संध्या का शुभारंभ करते हुए ऋषि कुमार शर्मा ने कहा-

गंगा गीता गाय गायत्री का यह हिंदुस्तान है,

श्री विष्णु पद कमल अवतरित जाने सकल जहान है।

आनंद गौतम ने कहा-

यह गंगा मैया तेरे प्रदूषण का धर्म संस्कृति और राजनीति के नाम पर देखकर ऐसा नृत्य

नंगा आज बहुत शर्मिंदा है अपने बेटी बेटों से मां गंगा।

सीएल प्रजापति ने कहा-

पीएम ने दीपक जल वाया अप्रैल खास हो गई

देश में एकता की दिवाली जैसी रात हो गई।

विनय सागर जायसवाल ने कहा-

गंगा की पावन कथा गाते हैं हम आप

इसकी पावनता हरे कितनों के संताप।

महेश मधुकर ने कहा-

पतित पावनी गंगा का जल शीतल निर्मल

कल-कल अविरल बहे हिम शिखरों से निकल।

कमल सक्सेना ने कहा-

जाने कैसी हवा चली है बदली सावन मांग रही

जीवन देने वाली गंगा खुद ही जीवन मांग रही।

इंद्रदेव त्रिवेदी ने कहा-

धरती पर वरदान है गंगा तेरी मेरी शान है गंगा

जब खोजा तब यही पाया भारत की पहचान है गंगा।

अरविंद सिंह आचार्य ने कहा-

दिल लगाना दिल चुराना आजमाना छोड़ दे

अब हसीनों की गली में आना-जाना छोड़ दे।

सौरभ आहूजा ने कहा-

देख खेल सेल का मैं हो गया हैरान

झोली फैला कर मांग रही मौत अपनी जान।

इस अवसर पर काव्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए युवा कवयित्री शिल्पी सक्सेना को मुख्य अतिथि विकास कुमार वैद्य ने शाल ओढ़ाकर, संस्था के अध्यक्ष ऋषि कुमार शर्मा ने

प्रशस्ति पत्र देकर तथा श्याम बिहारी स्कूल की प्राचार्य पूर्णिमा शर्मा ने माल्यार्पण कर सम्मानित  किया।

इस अवसर पर राजबाला, राकेश निराश आदि उपस्थित रहे।

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