आंवला (बरेली)। सरकार भले ही धान खरीद की चाक-चौबंद व्यवस्था होने के दावे कर रही हो पर हकीकत कुछ और ही है। कहीं कर्माचारी नदारद हैं तो कहीं व्यवस्था होने पर भी तोल करने में हीला-हवाली की जा रही है। कई जगह तो तौल केंद्र के गेट पर मंडराते बिचैलिए किसानों को धान उन्हें ही बेचने के लिए फुसला-धमका रहे हैं। आंवला तहसील क्षेत्र में धान केन्द्रों की हालत इतनी ज्यादा खराब है कि स्वयं क्षेत्रीय विधायक धर्मपाल सिंह को मंडी समिति में अपनी टीम के साथ 4 घंटे बैठना पडा, तब कहीं किसानों के धान तुलने का नम्बर लगा।
आंवला क्षेत्र में किसान केन्द्रों पर बिचैलिए हावी हैं। इसकी शिकायतें निरन्तर प्रशासन एवं क्षेत्रीय विधायक को मिल रही थी किन्तु समाधान नहीं हो पा रहा था। किसान सर्द रातों में अपनी वाहन लेकर मंडी समिति में पिछले कई दिनों से पड़े हुए थे किन्तु केन्द्र प्रभारी इधर-उधर की बातें बताकर उनका धान नहीं तोल रहे थे। कई किसानों ने इसकी शिकायत विधायक धर्मपाल सिंह से की तो वह गुरुवार को स्वयं आंवला मंडी समिति में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ आ पहुंचे। वहां मौजूद करीब दर्जनभर किसानों ने उनको घेर लिया और अपनी अपनी समस्याएं बताने लगे। काश्तकार प्रेमपाल पुरी, अनूप सिंह, रनवीर सिंह, ओमप्रकार शर्मा, हरपाल जगदीश वर्मा, रामपाल, रविन्द्र सिंह, मोहनलाल पाल महिपाल सिंह भूरे सिंह, रामगुलाम, आला सिंह आदि ने कहा कि इस मंडी परिसार में 6 केन्द्र क्रय केन्द्र संचालित हैं किन्तु बिचैलिए हावी हैं, इस कारण किसानों का धान नहीं तुल पा रहा है। पिछले कई दिनों से वे धान लदे वाहन लेकर मंडी में डेरा डाले हुए हैं लेकिन बिचैलियों के हावी होने और सुविधाशुल्क के चलते उनके धानों में कमी निकाली जा रही है, जबकि सांठगांठ के चलते खराब क्वालिटी के धा को इसी मंडी परिसर में रात्रि में तोला जाता है। दूसरी ओर हम लोगों को लेबर न होने आदि के बहाने बनाकर वापस किया जा रहा है। यदि कोई किसान 200 से 400 रुपये प्रति क्विंटल बिचैलियों के माध्यम देता है तो उसका धान रात में तोला जा रहा हैं।
इस बीच विधायक पुत्र यशवंत सिंहं भी अपने समर्थकों के साथ मंडी परिसर पहुंच गए। पालिका चेयरमैन संजीव सक्सेना भी अपने समर्थकों के साथ मंडी परिसर पर आ डटे। विधायक धर्मपाल सिंह ने जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी को फोन पर मामले की जानकारी जानकारी देते चेतावनी दी कि जब तक किसानों के धान तुल नहीं जाते तब तक वह अपने कार्यकर्ताओं के साथ यहीं मंडी में बैठे रहेंगे, भले ही रात हो जाए। इस पर उपजिलाधिकारी तत्काल मंडी परिसर पहुंचे और मानक के अनुरूप धान तोल का आश्वासन दिया।
उधर केन्द्र प्रभारी सुषमा का कहना है कि उन्हें मानक के अनुरूप ही धान तोलने का अधिकार है। धान यदि मानक के विपरीत और महीन होता है और उसकी रिकवरी 60-62 प्रतिशत होती है तो ऐसे धान को रिजेक्ट कर देते हैं क्योंकि हमें वही मोटा धान चाहिए जिसमें 67 प्रतिशत रिकवरी हो सके।
उपजिलाधिकारी केके सिंह ने कहना है कि धान खरीद में गड़बड़ी से संबंधित जो भी शिकायतें मिली हैं, उनकी जांच कराई जाएगी। मानक के अनुरूप होने पर सभी किसानों का धान तोला जाएगा।
इस दौरान सोनू गौतम, रामदीन सागर, मनोज मौर्य, हरीश चैहान,मंटे सिंह, डा. इन्द्रपाल सिंह, आशू सिंह, गिरीश सक्सेना, प्रभाकर शर्मा आदि मौजूद रहे।