प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों से इलाहाबाद हाईकोर्ट अत्यंत चिंतित है। इस मामले की सुनवाई कर रही खंडपीठ ने लखनऊ, मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर नगर और गौतमबुद्ध नगर में मरीजों की बढ़ने पर गुरुवार को चिंता व्यक्त की। कहा- कोरोना संक्रमण बढ़ने से स्पष्ट है कि पुलिस ठीक से काम नहीं कर रही है। इन जिलों में सौ प्रतिशत मास्क पहनना लागू किया जाए। जिले में बाहर से आने वालो की जांच हो। इसके लिए मेडिकल सुविधा बढ़ाई जाए। अगली सुनवाई के दिन टेस्टिंग व स्वस्थ होने की दर की जानकारी दी जाए।

एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ को अपर महाधिवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 75 में से 37 जिलों में ड्रोन कैमरे से निगरानी चल रही है। प्रयागराज में दो ड्रोन कैमरे 21 क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं, जबकि पुलिस विभाग के चार ड्रोन कैमरे मरम्मत के लिए मुंबई भेजे गए हैं। खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वाले 729 लोगों ने नियम का पालन करने के लिए लिखित आश्वासन दिया है। इस पर एडवोकेट कमिश्नर ने आपत्ति करते हुए कहा कि मौके पर नियम का पालन नहीं हो रहा। दुकान के पास लोग खड़े होकर खा रहे हैं। दुकानदार उस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

इस पर हाईकोर्ट ने कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव को कोरोना संक्रमण के रोकने के उपायों की जानकारी देने को कहा है। साथ ही  स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय प्रयागराज में कोविड मरीजों का अलग गेट बनाने मे धन की कमी पूरी करने के निर्देश का पालन न करने पर नाराजगी जाहिर की। कहा कि फंड उपलब्ध कराये या डायरेक्टर जनरल मेडिकल हेल्थ व अपर मुख्य सचिव चिकित्सा अध्ययन कोर्ट में 10 दिसंबर को हाजिर हों।

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