इस्लामाबाद। कुदरत अपने आप में एक चमत्कार है और यह कब कैसा अजूबा दिखा दे, कहा नहीं जा सकता। कुछ ऐसा ही हुआ पाकिस्तान में जहां एक द्वीप रातोंरात गायब हो गया। जलजला कोह (भूकंप का पहाड़) नाम का यह द्वीप करीब छह साल पहले अस्तित्व में आया था।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, छह साल पूर्व बलूचिस्तान सूबे में ग्वादर के समुद्री तट पर जब 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था, तब यह द्वीव अस्तित्व में आया था। यह द्वीप 66 फीट ऊंचा, 295 फीट चौड़ा और 130 फीट लंबा था। वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी के अंदर टेक्टॉनिक प्लेटों के टकराने के कारण इस द्वीप का निर्माण हुआ था। इसके सतह पर कीचड़ और बड़े-बड़े पत्थर थे।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इस द्विप की 2013 से 2019 के बीच की तुलनात्मक अध्ययन वाली तस्वीरें जारी की हैं जिसमें दिखाया गया है कि यह द्वीप कैसे बना और समय के साथ-साथ कैसे खत्म हो गया। नासा के अनुसार, कीचड़ वाले ज्वालामुखी के कारण जलजला कोह जैसे कई द्वीप पाकिस्तान के समुद्री तट के उभरने के साथ ही समय के साथ नष्ट हो सकते हैं।