लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने वाहन मालिकों को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) को लेकर बड़ी राहत दी है। परिवहन विभाग ने एचएसआरपी लगवाने की अनिवार्यता पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है,  यानी 22 अक्टूबर 2020 को जारी दिशा निर्देश को वापस ले लिया गया है। इसका मतलब साफ है कि प्रदेश में में एक अप्रैल 2019 के पहले के पुराने वाहनों (दो व चार पहिया समेत सभी प्रकार के वाहन) में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना अब जरूरी नहीं होगा।

दरअसल, पुराने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने की अनिवार्यता ने वाहन मालिकों को परेशान कर दिया था। कहीं ऑनलाइन आवेदन में दिक्कतें सामने आ रही थी तो कहीं नंबर प्लेट के बदले मनमानी धनराशि ऐंठी जा रही थी। ऐसी तमाम शिकायतें रोजाना शासन तक पहुंच रही थीं। वाहन मालिकों की इस समस्या का संज्ञान लेते हुए परिवहन विभाग के अपर परिवहन आयुक्त एके पांडेय ने कहा कि अब पुराने वाहनों में एचएसआरपी लगवाना जरूरी नहीं है। इसके लिए बाद में पुन: आदेश दिया जाएगा।

इन सभी कामों पर लगी रोक हटी

एचएसआरपी की अनिवार्यता खत्म होने पर आरटीओ में वाहन संबंधी कार्यों पर लगी रोक को हटा लिया गया है। इनमें फिटनेस प्रमाण पत्र, पंजीयन, स्वामित्व अंतरण, पता परिवर्तन, पंजीयन का नवीनीकरण, अनापत्ति प्रमाण पत्र, हाइपोथैकेशन पृष्ठांकन, हाइपोथैकेशन निरस्तीकरण, नया परमिट, परमिट की द्वितीय प्रति, परमिट नवीनीकरण, अस्थाई परमिट, विशेष परमिट, नेशनल परमिट आदि के काम अब बिना एचएसआरपी रसीद के हो सकेंगे। 

परिवहन विभाग खुद बनाएगा वेबसाइट

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की बुकिंग को आसान बनाने के लिए परिवहन विभाग अब खुद वेबसाइट बनाएगा। इसके लिए विभाग सोसाइटी ऑफ ऑटोमोबाइल्स मैन्युफैक्चर्स के साथ मिलकर पोर्टल तैयार करेगा। इसके बाद ही एचएसआरपी लगवाने की अनिवार्यता की तारीख तय की जाएगी।

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