नई दिल्ली। कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) के 14वें दिन बुधवार को सरकार ने उनको एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें बताया गया है कि इन कानूनों में क्या-क्या बदलाव किया जा सकता है। दरअसल, किसानों ने सरकार के साथ छठे दौर की बैठक से पहले लिखित प्रस्ताव की मांग की थी। गौरतलब है कि आंदोलन खत्म करने के लिए सरकार और किसानों के बीच अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला।
सरकार की ओर से आंदोलन कर रहे किसानों को लिखित प्रस्ताव भेजा गया है, जिसमें मुख्य रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का जिक्र किया गया है। इसके अलावा सरकार की ओर से प्रस्ताव में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, मंडी सिस्टम में किसानों की सहूलियत देने और प्राइवेट प्लेयर्स पर टैक्स लगाने की बात की गई है। इसके साथ ही सरकार ने किसानों को छठे दौर की बातचीत के लिए निमंत्रण दिया है। किसान और सरकार के बीच छठे दौर की बातचीत गुरुवार को सुबह 11 बजे विज्ञान भवन में हो सकती है।
कानूनों में ये बदलाव कर सकती है सरकार
-कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के कानून में अभी किसान के पास अदालत जाने का अधिकार नहीं है, ऐसे में सरकार इसमें संशोधन कर अदालत जाने के अधिकार को शामिल कर सकती है।
-प्राइवेट प्लेयर अभी पैन कार्ड की मदद से काम कर सकते हैं लेकिन किसानों ने पंजीकरण व्यवस्था की बात कही। सरकार इस शर्त को मान सकती है।
-प्राइवेट प्लेयर्स पर कुछ टैक्स की बात भी सरकार मानती दिख रही है।
-किसान नेताओं के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सिस्टम और मंडी सिस्टम में किसानों की सहूलियत के अनुसार कुछ बदलाव की बात कही है।
अमित शाह के साथ बैठक रही थी बेनतीजा
दरअसल, सरकार और किसानों के बीच आज 9 दिसंबर कोको छठे दौर की बातचीत होने वाली थी, लेकिन इस बीच मंगलवार देर शाम को उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब अचानक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (के साथ 13 किसान नेताओं की बैठक की खबर आई। इन किसान नेताओं में आठ पंजाब से थे, जबकि पांच देशभर के अन्य किसान संगठनों से जुड़े थे। बैठक रात आठ बजे शुरू हुई लेकिन यह बातचीत भी बेनतीजा रही।