लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में भले ही करीब डेढ़ साल का वक्त हो पर राजनीतिक दलों ने बिसात सजानी शुरू कर दी है। आम आदमी पार्टी के संय़ोजक अरविंद केजरीवाल के बाद अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी उत्तर प्रदेश में चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है। इसी सिलसिले में बुधवार को उन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर से यहां एक होटल में मुलाकात की। इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “ओमप्रकाश राजभर और मैं आपके सामने बैठे हैं। हम एक साथ उत्तर प्रदेश में उनके नेतृत्व में काम करेंगे।”

होटल में बंद कमरे में आधा घंटा चली मुलाकात के बाद ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि वर्ष 2022 में असदुद्दीन ओवैसी और जनभागीदारी संकल्प मोर्चा मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। राजभर ने मोर्चे में अन्य दलों को भी शामिल करने की बात भी कही।

राजभर ने सपा, बसपा व कांग्रेस नेताओं द्वारा लगाए जा रहे वोट कटवा होने जैसे आरोपों पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि प्रदेश में अगली सरकार जनभागीदारी संकल्प मोर्चा की बनेगी। उनका कहना था कि ऐसे आरोप डरे हुए लोग ही लगा रहे हैं। इस मौके पर ओवैसी ने कहा कि आने वाले दिनों में हमारा कारवां और आगे बढ़ेगा। ममता बनर्जी के आरोप पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई ताकत नहीं है जो ओवैसी को दौलत से खरीद सके।

राजभर के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान ओवैसी ने कहा कि शिवपाल सिंह यादव उत्तर प्रदेश की राजनीति में बहुत बड़ा चेहरा हैं। उनसे भी मुलाकात होनी है। उन्होंने कहा कि बिहार में जो कामयाबी मिली है, उसमें हम सभी का योगदान रहा है। वहां के परिणामों से बहुत बड़ा हौसला मिला है, जिसे आगे भी जारी रखेंगे। ओम प्काश राजभर ने कहा कि जनभागीदारी संकल्प मोर्चा को और मजबूत करने के लिए आज असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात हुई है। वह मोर्चे में शामिल होंगे और मिलकर चुनाव लड़ेंगे।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों का विरोध करने के लिए ओमप्रकाश राजभर ने जनभागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन किया है। इस मोर्चे में बाबूराम कुशवाहा की जन अधिकार पार्टी, राष्ट्रीय उदय पार्टी, राष्ट्रीय उपेक्षित समाज पार्टी और जनता क्रांति पार्टी समेत आठ क्षेत्रीय पार्टियां शामिल हैं।

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