नई दिल्ली। “चोर चोरी से जाये पर सीनाजोरी से न जाये।” यह पुरानी कहावत पाकिस्तान पर एक बार फिर खरी उतरती दिख रही है। दरअसल, बालाकोट एयरस्ट्राक से मिले जख्मों की वजह से तिलमिला रहे पाकिस्तान ने अपनी आर्थिक बदहाली दूर करने के लिए प्रयास करने के बजाय एक बार फिर “राग कश्मीर” अलापना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होने वाली मुलाकात में कश्मीर का मुद्दा उठाने के साथ ही इस मामले को हल करने में मदद मांगेंगे।

पाकिस्तान के अधिकारियों के हवाले से जारी एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि 22 जुलाई को वाशिंगटन में दोनों नेताओं के बीच होने वाली मुलाकात के एजेंडे पर काम चल रहा है। प्रधानमंत्री इमरान खान निश्चित ही अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ बातचीत में कश्मीर का मुद्दा उठाएंगे और उनसे आग्रह करेंगे वह इसे सुलझाने में मदद करें।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान लगातार प्रयास कर रहा है कि भारत के साथ वार्ता फिर से शुरू हो। इमरान खान इस सिलसिले में अभी तक इस दिशा में किए गए प्रयासों से भी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को अवगत कराएंगे। ट्रंप को पाकिस्तान द्वारा क्षेत्रीय शांति के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया जाएगा।

वैसे, जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान द्वारा बलाकोट एयरस्ट्राइक के बाद से बंद अपने हवाई क्षेत्र को अचानक खोलना कश्मीर मामले को फिर उछालने की चालबाजी का एक हिस्सा हो सकता है क्योंकि कुछ दिन पहले ही उसने हवाई प्रतिबंध 28 जुलाई से हटाने की बात कही थी पर फिर एकाएक 15/16 सितंबर की रात ही उसे खोलने की घोषणा कर दी। दरअसल, पाकिस्तान इस बहाने दुनिया, खासकर अमेरिका के सामने क्षेत्र में शाति के प्रति अपनी कथित प्रतिबद्धता दिखाना चाहता है।

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