नई दिल्ली। पुरानी कहावत है, “मनुज बली नहीं होत है समय होत बलवान।” संयुक्त अबर अमीरात (यूएई) बेस्ड भारतीय मूल के कारोबारी बीआर शेट्टी पर यह मौजूदा हालात में सटकी बैठ रही है। कर्ज में डूबी उनकी कंपनी फिनाब्लर पीएलसी (Finablr Plc) को अपना कारोबार इजराइल-यूएई कंसोर्टियम को केवल एक डॉलर (73.52 रुपये) में बेचना पड़ रहा है। उनकी कंपनी के खिलाफ फर्जीवाड़े की जांच भी चल रही है।
पिछले साल (2019) में ही शेट्टी की कंपनियों के शेयरों पर स्टॉक एक्सचेंजों में कारोबार करने को लेकर रोक लग गई थी। कंपनियों की साख समाप्त हो जाने की वजह से कोई भी उनमें निवेश करने को तैयार नहीं था। ऐसे में दो देशों के बीच बने कंसोर्टियम ने इस कंपनी को लेने का निर्णय किया है। पिछले साल दिसंबर में फिनाब्लर के कारोबार की मार्केट वैल्यू 1.5 बिलियन पाउंड (2 बिलियन डॉलर) रह गई थी, जबकि उस पर एक अरब डॉलर का कर्ज बताया जा रहा था।
फिनाब्लर ने ग्लोबल फिनटेक इन्वेस्टमेंट्स होल्डिंग (GFIH) के साथ एक समझौते की घोषणा की है। जीएफआईएच को फिनाब्लर पीएलसी लिमिटेड अपनी सारी संपत्ति बेच रही है। जीएफआईएच इजरायल के प्रिज्म ग्रुप की सहयोगी कंपनी है। प्रिज्म ग्रुप ने लेन-देन के संबंध में अबू धाबी के रॉयल स्ट्रेटेजिक पार्टनर्स के साथ एक कंसोर्टियम का गठन किया है।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, बीआर शेट्टी 70 के दशक में केवल आठ डॉलर लेकर यूएई गए थे और वहां बतौर मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव अपना करियर प्रारंभ किया था। उन्होंने 1970 में एनएमसी हेल्थ की शुरुआत की। उन्होंने हेल्थकेयर इंडस्ट्री में काफी पैसे बनाए थे। इसके बाद उन्होंने साल 1980 में यूएई एक्सचेंज की शुरुआती की। यूएई एक्सचेंज, फिनाब्लर, यूके की एक्सचेंज कंपनी ट्रैवलेक्स और अन्य पेमेंट सॉल्यूशंस प्रोवाइडर्स के साथ मिलकर साल 2018 में सार्वजनिक हुई थी।