नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को शुक्रवार को एक महीना हो गया है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सिपहसालार नए कानूनों के बारे में लोगों को बताने और सरकार के पक्ष में माहौल बनाने के लिए मैदान में उतर गए हैं। अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी के साथ ही पीयूष गोयल ने शनिवार को मोर्चा संभाला। कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल ने कहा- दिल्ली सीमा पर बैठे लोगों को गलतफहमियां हैं। वहां बैठे किसान एक ही इलाके से आते हैं। उन्होंने दो बार भारत बंद कराने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हुए। उनके पास कोई तर्क नहीं है, इसलिए वे चर्चा से भाग रहे हैं।

किसान चाहें तो चर्चा के लिए कृषि विशेषज्ञों को साथ लाएं : राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक रैली में कहा, “प्रधानमंत्री  समेत हम सब किसानों से अपील करना चाहते हैं कि बैठिए, हर कानून पर हमारे साथ चर्चा कीजिए। मैंने तो यह भी अनुरोध किया है कि आप कृषि विशेषज्ञों को लाना चाहते हैं तो उन्हें भी लेकर आइए। सरकार बातचीत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।”

सरकार गोलमोल बातें कर उलझा रही : भाकियू

भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार अभी भी गोलमोल बातें कर उलझा रही है। वह किसानों को दोफाड़ करने के लिए अलग-अलग बैऑक करना चाहती है, जो हमें मंजूर नहीं। कोई ठोस फैसला न होने पर देशभर में आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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