नई दिल्ली। भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर के विजय राघवन ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वैक्सीन ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले नए वेरिएंट के खिलाफ भी काम करेगी। इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि वर्तमान टीके इन COVID19 वेरिएंट्स से बचाने में नाकाम रहेंगे।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि ब्रिटेन के नए कोरोना वायरस स्ट्रेन की खबर आने से पहले हमने प्रयोगशालाओं में लगभग 5,000 जीनोम विकसित किए थे। अब हम उस संख्या में काफी वृद्धि करेंगे।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि INSACOG एक महत्वपूर्ण विकास की स्थापना है, जो देश भर में सरकार की 10 प्रयोगशालाओं का एक संघ है जो कोरोना के जीनोम अनुक्रमण के साथ-साथ उस वायरस के किसी भी प्रकार का अनुक्रमण करता है। ये प्रयोगशालाएं आईसीएमआर, बायोटेक इंडिया, सीएसआईआर से संबंधित हैं।

आइसीएमआर के महानिदेशक ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम वायरस पर बहुत अधिक इम्यून प्रेशर न डालें। हमें ऐसी थेरेपी का प्रयोग करना होगा जो लाभ देने वाली हैं। यदि फायदा नहीं होता है तो हमें उन उपचारों का उपयोग नहीं करना चाहिए अन्यथा यह वायरस पर प्रेशर डालेगा और यह अधिक म्यूटेट करेगा।

देश में सक्रिय मामले 2 लाख 70 हजार से कम

देश में कोरोना के नए मामलों में कमी देखी जा रही है। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब सक्रिय मामले 2 लाख 70 हजार से कम हैं और यह भी लगातार घट रहे हैं। पिछले एक सप्ताह का पॉजिटिविटी रेट 2.25 फीसद है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया कि भारत में प्रति 10 लाख आबादी पर 7408 कोरोना मामले दर्ज किए गए हैं। हमारे यहां प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 107 मौतें दर्ज की गई हैं। 

देश के सक्रिय मामलों का 60 फीसद से अधिक हिस्सा 5 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में है। लगभग 24 फीसद मामले केरल में, 21 फीसद महाराष्ट्र में, 5 फीसद से कुछ अधिक पश्चिम बंगाल में, लगभग 5 फीसद उत्तर प्रदेश में और 4.83 फीसद मामले छत्तीसगढ़ में हैं।

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