वाशिंगटन। यूनान (ग्रीस) के पेलोपोनीज इलाके में एक गुफा के पास मानव खोपड़ी का एक टुकड़ा पाया गया है। यूरोप में खोजा गया यह अब तक का सबसे पुराना ( करीब दो लाख दस हजार साल) मानव जीवाश्म बताया जा रहा है। इस खोज से यूरोप में इंसानों के कदम रखने का इतिहास बदल सकता है।
जर्नल नेचर में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि यूरोपीय महाद्वीप में इससे पहले आधुनिक इंसानों का जो सबसे पुराना अवशेष मिला था, वह करीब 45 हजार साल पुराना था जबकि दक्षिण यूनान में मिला खोपड़ी का टुकड़ा दो लाख दस हजार साल से भी ज्यादा पुराना है। इससे यह लगता है कि यूरोप में इंसानों के कदम दो लाख साल पहले ही पड़ चुके थे। अफ्रीका महाद्वीप में करीब तीन लाख साल पहले आदिम मानव का फैलाव हो चुका था। नए जीवाश्म से इस विचार को बल मिलता है कि मानव प्रजाति अफ्रीका से दूसरी जगहों पर जाकर बसी थी। इस अध्ययन से जुड़ीं जर्मनी की ट्यूविंगन यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता कट्रीना हार्वटी ने कहा, “यह बता पाना असंभव है कि वे क्यों विलुप्त हो गए थे? लेकिन यह पहली बार है जब हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं।”
यह खोपड़ी 1978 में तब मिली थी जब यूनिवर्सिटी ऑफ एथेंस के स्कूल ऑफ मेडिसिन के मानव विज्ञानियों ने पेलोपोनीज इलाके में एपिडिमा नामक गुफा की खोज की थी। उन्हें गुफा के ऊपरी हिस्से में एक जोड़ी खोपड़ी के कुछ टुकड़े मिले थे। ये एक चट्टान में पाए गए थे और इन्हें निकालने के लिए शोधकर्ताओं को सालों तक जूझना पड़ा था। एक जीवाश्म को एपिडिमा-1 नाम दिया गया। यह खोपड़ी का पिछला हिस्सा था। दूसरे जीवाश्म एपिडिमा-2 में किसी चेहरे के 66 टुकड़े थे। अध्ययन से पता चला कि एपिडिमा-2 के टुकड़े करीब एक लाख 70 साल पुराने हैं जबकि एपिडिमा-1 करीब दो लाख 10 हजार साल पुराना पाया गया।
यूनिवर्सिटी ऑफ एथेंस ने खोपड़ी के टुकड़ों पर अध्ययन के लिए ट्यूविंगन यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता कट्रीना हार्वटी को आमंत्रित किया था जो मानव खोपड़ी जीवाश्म की विशेषज्ञ हैं। उन्होंने अपने साथियों के साथ अवशेष का सीटी स्कैन किया और फिर कंप्यूटर पर उसका विश्लेषण किया। उन्होंने जब चेहरे के टुकड़ों को जोड़ा तो यह निएंडरथल जैसा चेहरा प्रतीत हुआ। लेकिन एपिडिमा-1 के साथ विश्लेषण करने पर कुछ अलग चेहरा देखने को मिला।