नई दिल्ली। सीमा पर चीन और पाकिस्तान से तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑफ सिक्योरिटी (सीसीएस, CCS) ने 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस की खरीद को मंजूरी दी है। इनमें 73 हल्के लड़ाकू विमान तेजस Mk-1A तथा 10 तेजस Mk-1 विमान शामिल हैं। इस खरीद पर करीब 48 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। स्वदेशी विमान तेजस चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के समूह में सबसे हल्का और सबसे छोटा है। हल्का होने की वजह से यह तेजी दुश्मन को छकाने में सक्षम है।
यह जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को दी। सरकार के इस कदम से भारतीय वायुसेना और मजूबूत होगी। यह सौदा भारतीय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता के लिए एक गेम चेंजर होगा।
तेजस स्वदेशी चौथी पीढ़ी का टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग विमान है। यह फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, इंटीग्रेटेड डिजिटल एवियोनिक्स, मल्टीमॉड रडार से लैस लड़ाकू विमान है और इसकी संरचना कंपोजिट मटेरियल से बनी है।
गौरतलब है कि हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस को भारतीय वायु सेना द्वारा पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान सीमा के करीब तैनात किया गया है, ताकि वहां से होने वाली किसी भी संभावित कार्रवाई पर कड़ी निगरानी रखी जा सके।
दक्षिणी वायु कमान के तहत सुलूर एयरबेस से बाहर पहले तेजस स्क्वाड्रन “45 स्क्वाड्रन (फ्लाइंग डैगर्स)” को एक ऑपरेशनल भूमिका में तैनात किया गया है। इन विमानों का पहला स्क्वाड्रन इनिशियल ऑपरेशनल क्लीयरेंस वर्जन का है, जबकि दूसरा 18 स्क्वाड्रन “फ्लाइंग बुलेट्स” अंतिम ऑपरेशनल क्लीयरेंस वर्जन का है।