किसी भी मौसम खासकर सर्दी में स्वस्थ रहने के लिए सबसे जरूरी है प्रतिरक्षण प्रणाली (Immunization system) का मजबूत होना। प्रकृति ने हर क्षेत्र और देश में ऐसी जड़ी-बूटियां और खाद्य पदार्थ उगाये हैं जो वहां के लोगों के स्वास्थ्य के लिए मुफीद होते हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपने को स्वस्थ रखने के लिए अपने आसपास उगने वाली जड़ी-बूटियों का आवश्यकतानुसार सेवन करें। हमारे देश में ऐसे कई चीजें उगती हैं जिनका सेवन सर्दी के इस मौसम में हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इम्युनिटी मजबूत होने पर हम न केवल छोटी-मोटी बीमारियों से बचे रहते हैं बल्कि मौसमी बीमारियों से जल्द उबर भी जाते हैं।

यहां ऐसी घरेलू औषधियों के बारे में जानकारी दी जा रही है जो हमारी रसोई में प्रायः हर समय मौजूद होती हैं।  

अदरकःजी मिचलाना, उल्टी, दस्त के बाद की कमजोरी, अपच, सर्दी-जुकाम आदि समस्याओं के समाधान में सहायक है।

अजवाइनःवात रोगों में लाभकारी है। दोपहर के भोजन में मसाले के तरह इस्तेमाल करने पर सर्वाधिक लाभ देती है। पेट में गैस बनने पर आधा चम्मच अजवाइन एक कप गुनगुने पानी के साथ निगलने पर अत्यंत लाभकारी। बैगन, अरबी, बंडा की सब्जी में इसका इस्तेमाल अवश्य करें।

लहसुनः बैक्टीरियल तत्वों से युक्त है। इसकी एक कली के सेवन से विटामिन ए, बी, सी के साथ आयोडीन, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पा सकते हैं। भोजन के साथ कच्चे लहसुन की एक या दो कली चबा-चबाकर खाने से पाचन शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पुरानी खांसी में भी लाभ होता है।

ग्रीन टीः यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होते हैं। यह कॉलेस्ट्रॉल नियंत्रित कर हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचाव करती है। इसे पानी में डालकर उबालने के बजाय उबले हुए पानी में 2 से ढाई मिनट भिगोकर उस पानी को घूंट-घूंटकर पियें।

 दालचीनीः खान-पान में इस्तेमाल होने पर उसमें उपस्थित वायरस और बैक्टीरिया को नष्ट कर देती है। शोधों में प्रमाणित हुआ है कि जिन खाद्य पदार्थों में दालचीनी का प्रयोग होता है, उनमें कीटाणु होने की आशंका 99.9 प्रतिशत तक खत्म हो जाती है।

लौंगःरोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ यह एक अच्छी एंटीऑक्सीडेंट और बैक्टीरिया को खत्म करने वाली है।

अश्वगंधाः अश्वगंधा का इस्तेमाल त्वचा के साथ-साथ कई तरह की बीमारियों में भी लाभकारी है।

सावधानियां

जड़ी-बूटियां निश्चित अनुपात में ही ली जानी चाहिए। अदरक, दालचीनी का ज्यादा मात्रा में सेवन शरीर में दाह उत्पन्न कर सकता है। इसी प्रकार ग्रीन टी में चीनी मिलाने से उसका लाभ कम मिलता है।

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