नई दिल्ली। जैसा कि पहले ही आशंका जताई जा रही थी, तीन नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच बुधवार को हुई 10वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही। केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों पर अस्थाई रोक का प्रस्ताव दिया जिस पर किसान नेता राजी नहीं हुए। सूत्रों के मुताबिक सरकार की तरफ से कृषि कानूनों को रद्द किए जाने से साफ इन्कार कर दिया गया है। सरकार ने किसानों से कहा है कि अगर वे चाहें तो अदालत जा सकते हैं लेकिन किसानों ने ऐसा करने ले इन्कार कर दिया है।
विज्ञान भवन में यह बातचीत पहले मंगलवार को होनी थी लेकिन इसे टाल दिया गया था। गौरतलब है कि किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर, 2021 से दिल्ली की समीमा पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। वे तीनों कानूनों की वापसी के मांग पर अड़े हुए हैं। दूसरी ओर केंद्र सरकार नए कानूनों को किसानों के लिए हितकारी बता रही है और गतिरोध को बातचीत के माध्यम से सुलझाना चाहती है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर एक कानून बनाना होगा और तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना होगा। हमारा विरोध सरकार और कॉर्पोरेट सिस्टम के खिलाफ है।