अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए नींव की खुदाई का काम शुक्रवार को वैदिक रीति-रिवाज के साथ शुरू हो गया। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने ट्रस्ट के सदस्यों के साथ भगवान विश्वकर्मा का पूजन-अर्चन किया और पहला फावड़ा चलाकर सांकेतिक खुदाई की।
इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि परिसर में हो रहे निर्माण कार्य का जायजा लेने नृपेंद्र मिश्र अयोध्या पहुंचे। उन्होंने ट्रस्ट के सदस्यों के साथ भगवान विश्वकर्मा का पूजन-अर्चन किया और पहला फावड़ा चलाकर सांकेतिक खुदाई की। निर्माण एजेंसी की निशानदेही के बाद नींव पूजन के लिए स्थान का चयन किया गया।
जिस भूमि पर राम मंदिर का निर्माण किया जाना है, वहां से फिलहाल मिट्टी हटाई जा रही है। नींव खुदाई का कार्य फरवरी से युद्ध स्तर पर शुरू किया जायेगा। सूत्रों की मानें तो इंजीनियर एक बार फिर राम जन्मभूमि परिसर की मिट्टी की जांच करेंगे। इसका उद्देश्य मिट्टी की ताकत और उसकी गुणवत्ता का पता लगाना है।
नृपेंद्र मिश्र की उपस्थिति में एक बात पर सहमति बन गई कि जितनी भूमि पर राम मंदिर का निर्माण किया जाना है उतनी पूरी भूमि को लगभग 12 मीटर तक खोदा जाएगा और वहां की मिट्टी निकाली जाएगी। इसके बाद खाली स्थान को मजबूत सामग्री से भरा जाएगा। इस तरह मंदिर के लिए मजबूत बुनियाद की सतह तैयार होगी। भूमि के 12 मीटर नीचे से जमीन की सतह तक किस सामग्री को भरा जाएगा, इसका अध्ययन किया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा के अनुसार यह रिसर्च रिपोर्ट लगभग 15 दिनों के भीतर आ जाएगी।