आंवला (बरेली)। मझगवां ब्लॉक प्रमुख पद के लिए शुक्रवार को हुए चुनाव में भाजपा समर्थित बबिता रानी को 30 मतो से विजयी घोशित किया गया। उनकी प्रतिद्वंद्वी पूर्व ब्लॉक प्रमुख ममता देवी के पक्ष में मात्र 26 वोट ही पडे। इस पद के लिए पद्मावती देवी भी मैदान में थीं। डाले गए कुल 104 वोटों में से 22 मतों को रद्द कर दिया गया। मझगवां के कुल 106 बीडीसी सदस्यों में एक की मृत्यु चुकी है। इस तरह कुल 105 सदस्यों ने मतदान किया।

मझगवां की तत्कालीन ब्लॉक प्रमुख ममता देवी के खिलाफ 28 दिसंबर 2018 को  बबीता रानी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था जिसमें ममता देवी पराजित हो गईं। इसके इसके बाद तीन सदस्यों की संचालन समिति गठित कर विकास कार्य कराए जा रहे थे। शुक्रवार को पूर्वाहन 11:00 बजे से ब्लॉक कार्यालय परिसर में ब्लॉक प्रमुख पद के लिए मतदान कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुआ।

ममता देवी के खिलाफ बीते साल पेश हुआ था अविश्वास प्रस्ताव

दरअसल, उत्तर प्रदेश में सत्ता परिर्वतन के बाद सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह के  विधानसभा क्षेत्र के रामनगर ब्लॉक में सपा की ब्लॉक प्रमुख अनुराधा यादव के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने व भाजपा समर्थित श्रीपाल सिंह लोधी के निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख बनने से उत्साहित भाजपाइयों ने बीते साल 28 दिसबर को सपा की मझगवां ब्लॉक प्रमुख ममता के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया था। वार्ड-95 की सदस्य बबिता रानी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद ममता देवी को भी पदच्युत कर दिया गया।

अविश्वास प्रस्ताव के बाद बबिता रानी का निर्विरोध चुना जाना लगभग तय माना जा रहा था। शुक्रवार को हुए चुनाव से पहले बबिता रानी के अलावा पूर्व प्रमुख ममता देवी तथा पद्मावती के द्वारा नामांकन कराने व नाम वापसी के बाद उक्त तीन प्रत्याशी होने की दशा में चुनाव कराया गया। कुछ दिनो पहले पूर्व ब्लॉक प्रमुख ममता देवी द्वारा भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद इस चुनाव में नया मोड आ गया था।     

बबिता रानी की जीत के वाद भाजपाइयों ने जमकर खुशी मनाई और मिठाई वितरित की। चुनाव को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने के लिए स्वयं एडीएम ई, एसपीआरए संसार सिंह, एसडीएम फरीदपुर, सीओ मीरगं, सहित काफी संख्या में पुलिसबल व पीएसी मौजूद रही।    

प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद रामनगर, मझगवां और आलमपुर जाफराबाद को सपा से मुक्त कराने हेतु सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह के पुत्र यशवंत सिंह ने पूरी फिल्डिंग सजा रखी थी।  सबसे पहले रामनगर और मझगवां, उसके बाद आलमपुर जाफराबाद मे सपा समर्थित ब्लॉक प्रमुखों के खिलाफ अविश्वस प्रस्ताव लाकर उनको पदच्युत किया गया। रामनगर और  मझगवां पर अब भाजपा का कब्जा है जबकि अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद भी मामला कोर्ट में होने के चलते आलमपुर जाफराबाद की कुर्सी पर अभी भी सपा के आदेश यादव ही काबिज हैं।          

सिंचाई मंत्री के भाई ने किया ममता का समर्थन

मझगवां ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ दिसम्बर में अविश्वास प्रस्ताव लाने वालों में सिंचाई मंत्री के भाई डॉ. मान सिंह ने प्रमुख भूमिका अदा की थी किंतु शुक्रवार के चुनाव में उनके ममता के पक्ष में खडे होने से भाजपा में खेमेबाजी साफ दिखाई देने लगी। जहां भाजपा कार्यकर्ता अलग बिस्तर डालकर बबिता रानी को चुनाव लडा रहे थे, वहीं काफी दूरी पर डॉ. मान सिंह भी बिस्तर डालकर ममता देवी को भाजपा का प्रत्याशी बता रहे थे। डॉ. मान सिंह का कहना था कि बबिता रानी के भाई सुरेश सागर का व्यवहार प्रधानों और बीडीसी सदस्यों के प्रति काफी खराब रहा है जबकि ममता देवी द्वारा अभी कुछ दिनों पहले ही भाजपा की सदस्यता ले ली गई है। डॉ. मान सिंह के साथ  रामनगर ब्ल़ॉक प्रमुख श्रीपाल लोधी, अजय गुप्ता, गंगा सिंह लोधी सहित दर्जनो कार्यकर्ता मौजूद रहे। उधर सिंचाई मंत्री के पीआरओ आईपी वर्मा एडवोकेट ने कहा कि कहीं कोई खेमेबाजी नहीं है। सिंचाई मंत्री के निर्देश पर ही हम सब बबिता रानी को चुनाव लडा रहे हैं। यहां पर आंवला नगर पालिका चेयरमैन संजीव सक्सेना, वेद प्रकाष यादव, केपी सिंह  आदि मौजूद रहे।

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