गोरखपुर। देश की स्वतंत्रता में अहम भूमिका निभाने के साथ ही अंग्रेजों को चुनौती देने वाले गोरखपुर के चौरी-चौरा कांड का यह शताब्दी वर्ष है। गोरखपुर में इसके शताब्दी महोत्सव का गुरुवार को आगाज हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की स्वतंत्रता की खातिर अपना जीवन बलिदान करने वाले सेनानियों को नमन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि चौरी-चौरा के ऐतिहासिक संग्राम को आज देश के इतिहास में जो स्थान दिया जा रहा है, इसके लिए जो प्रयास किया जा रहा है, वह प्रशंसनीय है। इसके लिए प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम को बधाई दी।

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौरी-चौरा कांड पर प्रकाश डाला।  प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शताब्दी समारोह में चौरी-चौरा पर एक डाक टिकट जारी किया।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि चौरी-चौरा की पवित्र भूमि पर देश के लिए बलिदान होने वाले और देश के स्वाधीनता आंदोलन को नई दिशा देने वाले वीरों को वह प्रमाण करते हैं। देश जब आजादी के 77वें बरस में प्रवेश कर रहा है। यह आयोजन उसे और महत्वपूर्ण बना दे रहा है।  इस मौके पर भी प्रधानमंत्री  मोदी किसानों का जिक्र करना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि देश की तरक्की के पीछे किसान ही हैं। उन्होंने चौरी-चौरा संघर्ष में भी अहम भूमिका निभाई थी।

मोदी ने कहा कि पिछले छह साल में हमने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। यही वजह रही कि कोरोना के दौरान भी एग्रीकल्चर सेक्टर में ग्रोथ देखी गई है। उन्होंने कहा कि मंडियों को किसानों के लिए फायदेमंद बनाने के लिए 1,000 और मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा।

कोरोना काल में आईं चुनौतियों के समाधान को नई तेजी देगा बजट

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसी बहुत कम घटनाएं होंगी जिसमें एक साथ 19 लोगों को फांसी दी गई। महामना मदनमोहन मालवीय के प्रयासों से डेढ़ सौ लोगों को फांसी से बचा लिया गया। आज का दिन बाबा राघव दास और महामना को भी प्रणाम करने का है। ब्रितानी हुकूमत 172 लोगों को फांसी देने पर उतारू थी लेकिन बाबा राघवदास और महामना मदन मोहन मालवीय के प्रयास से 150 से अधिक की लोगों की जान बच गई। आज भारत खुद कोरोना की वैक्सीन बना रहा है और दुनिया के बड़े देशों से तेजी से टीकाकरण कर रहा है तो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की आत्मा को गर्व महसूस हो रहा होगा।

मोदी ने कहा कि भारत ने कोरोना काल में 150 से अधिक देशों के नागरिकों को दवाई भेजी, मदद पहुंचाई। हजारों नागरिकों को सुरक्षित उनके देश भेजा। भारत दुनिया के बड़े-बड़े देशों से भी तेज गति से टीकाकरण कर रहा है। कोरोना काल मे देश के सामने जो चुनौतियां आईं उनके समाधान को यह बजट नई तेजी देने वाला है। पहले कई दिग्गज कह रहे थे कि इतने बड़े संकट के बाद कर लगाना पड़ेगा लेकिन सरकार ने देशवासियों पर करों का बोझ नहीं बढ़ाया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गांव को बाजार और मंडी से जोड़ने, पुल  बनाने, रेल की पटरी बिछाने, शिक्षा, रेल बस चलाने, स्वास्थ्य के लिए बजट का बड़ा हिस्सा खर्च किया जाएगा। इन कार्यों को करने के लिए लोगों की भी जरूरत होगी। निर्माण के लिए भू लोगों की जरूरत होगी। इससे रोजगार मिलेगा। दशकों से बजट का मतलब सिर्फ घोषणा ही रह गई थी। बजट को हिसाब-किताब का बही खाता बना दिया गया था। पहले की सरकारों ने बजट को ऐसी घोषणाओं का माध्यम बन दिया था जिसे पूरा ही नहीं कर पाते थे। अब सोच व अप्रोच बदल दिया गया है।

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