नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में किसान आंदोलन, नए कृषि कानूनों और उस पर हो रही राजनीति पर टिप्पणी की। इस दौरान उन्होंने किसानों के साथ खड़े होने की बात कही और कृषि कानूनों को लेकर भी सफाई दी। उन्होंने कहा कि किसानों को गुमराह किया जा रहा है कि अगर इन कानूनों को लागू किया गया तो अन्य लोग उनकी जमीन पर कब्जा कर लेंगे। उन्होंने कहा कि आप मुझे बताएं कि कृषि कानून में ऐसा कोई प्रावधान है जो किसी भी व्यापारी को किसी किसान की जमीन छीनने की अनुमति देता है।

कृषि मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि किसानों की आय दोगुनी हो और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि का योगदान तेजी से बढ़े। ये कृषि कानून भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने कहा, “मैं सदन और किसानों को बताना चाहता हूं कि पीएम मोदी किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

कृषि मंत्री तोमर ने कहा, “मैंने यह स्पष्ट किया है कि अगर सरकार संशोधन करने के लिए तैयार है तो इसका मतलब यह नहीं है कि कृषि कानूनों में कोई समस्या है। एक विशेष राज्य के लोग इसको लेकर गलत सूचना देते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि हमारा ध्यान किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है। किसने सोचा होगा कि फलों और सब्जियों को रेल द्वारा ले जाया जाएगा? 100 किसान रेल, जो एक तरह से मोबाइल कोल्ड स्टोरेज हैं, शुरू की गई हैं। वे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने में मदद कर रही हैं। 

लागत से 50 प्रतिशत अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य

कृषि मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि हमने उत्पादन लागत से 50% अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान करना शुरू कर दिया है। साथ ही, एक लाख करोड़ रुपये का कृषि बुनियादी ढांचा कोष आत्मनिर्भर पैकेज के तहत दिया गया है। हमने कृषि क्षेत्र में अपेक्षित निवेश सुनिश्चित करने का प्रयास किया है।

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