नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंदोलन खत्म करने की अपील और बातचीत के लिए निमंत्रण देने के बाद किसान संगठनों ने कहा है कि सरकार बातचीत के अगले दौर की तारीख तय करे। हालांकि नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान नेताओं ने सोमवार को राज्यसभा में की गई प्रधानमंत्री मोदी की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में आंदोलनकारियों की नई “नस्ल” उभरी है जिसे “आंदोलनजीवी” कहा जाता है। किसान नेताओं का कहना है कि लोकतंत्र में आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका है।
संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य शिव कुमार काका ने कहा कि हम अगले दौर की बातचीत के लिए तैयार हैं। केंद्र सरकार को बैठक की तारीख और समय बताना चाहिए। हमने बातचीत से कभी भी इन्कार नहीं किया है। सरकार ने हमको जब भी बातचीत के लिए बुलाया है हमने बात की है। हम आगे भी सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों से अपना आंदोलन खत्म कर कृषि सुधारों को एक मौका देने की गुजारिश की। प्रधानमंत्री ने कहा था, “हम आंदोलन से जुड़े लोगों से प्रार्थना करते हैं कि आंदोलन करना आपका हक है लेकिन बुजुर्ग भी वहां बैठे हैं, उन्हें घर ले जाइए, आंदोलन खत्म करिए। मौजूदा समय खेती को खुशहाल बनाने के लिए फैसले लेने का है। हमें इसको गंवाना नहीं चाहिए। हमें देश को पीछे नहीं ले जाना चाहिए।”