लखनऊ। विवादास्पद बयानों के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। देश की सबसे बड़ी अदालत ने आप के उत्तर प्रदेश प्रभारी व मुख्यमंत्री प्रत्याशी संजय सिंह की गिरफ्तारी पर भले ही रोक लगाई हो लेकिन उन पर टिप्पणी भी की। शीर्ष अदालत ने कहा, “आप सांसद हैं। आपको इस तरह के बयान नहीं देना चाहिए था। आप लिमिट क्रॉस करेंगे तो कानून के मुताबिक आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।”

संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम राहत दी है। याचिका में उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है। इनमें उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह का भी मामला है। 

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस देने के साथ ही संजय सिंह पर भी टिप्पणी की।

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सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह से पूछा कि आपके खिलाफ कितनी एफआईआर दर्ज की गई हैं।इस पर कोर्ट को जानकारी दी गई कि 14 स्थान पर एक जैसी एफआईआर दर्ज की गई हैं। यह राजनीतिक है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है कि क्या सभी एफआईआर को क्लब नहीं किया जाना चाहिए। फिलहाल संजय सिंह को गिरफ्तारी से राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा, “धर्म और जाति के बारे में बोलते समय आपको अधिक सावधान रहना चाहिए। आप कहीं समाज को जातियों और धर्म के आधार पर बांट नहीं सकते हैं।” 

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने दो फरवरी को संजय सिंह की याचिका को खारिज कर दिया था। यह आदेश न्यायमूर्ति राकेश श्रीवास्तव की एकल सदस्यीय पीठ ने दिया था। हाईकोर्ट ने संजय सिंह की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि निचली अदालत के चार्जशीट पर संज्ञान लेने में कोई भी त्रुटि नहीं की गई है।

की हजरतगंज कोतवाली में संजय सिंह के खिलाफ 12 अगस्त 2020 के कुछ विवादास्पद बयानों को लेकर एफआईआर दर्ज हुई थी। बाद में पुलिस ने उनके खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।

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