नई दिल्ली। रूस की समाचार एजेंसी तास (TASS) ने खुलासा किया है कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प के दौरान चीन के 45 सैनिक मारे गए थे। तास ने ताजा अपडेट में कहा है कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिण और उत्तरी तट पर चीन और भारत की अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने विघटन शुरू कर दिया है।
तास के अनुसार, “चीनी और भारतीय सेना का मई और जून 2020 में इस क्षेत्र में टकराव हुआ था। इसके परिणामस्वरूप कम से कम 20 भारतीय और 45 चीनी सैनिक मारे गए। इन घटनाओं के बाद नई दिल्ली और बीजिंग ने इस क्षेत्र में अपनी सेनाओं में वृद्धि की थी जिसकी संख्या दोनों ही तरफ से करीब 50,000 तक पहुंच गई थी।
रूसी समाचार एजेंसी द्वारा यह खुलासा तब किया गया है जब चीन इन हिंसक झड़पों के दौरान हताहतों की संख्या पर चुप रहा है। वहीं एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, चीनी पक्ष पर हताहतों की संख्या 35 थी।
इससे पहले चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वु कियान ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया।
कियान ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भारत और चीन के बीच कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता में बनी सहमति के अनुरूप दोनों देशों के सशस्त्र बलों की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों ने आज 10 फरवरी से पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया।