सावन का महीना शुरू हो गया है इस साल सावन का महीना 17 जुलाई से शुरू होकर 15 अगस्त तक रहेगा। सावन के महीने में पड़ने वाले सोमवार का खास महत्व होता है । माना जाता है कि सावन सोमवार व्रत करने से भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। इस बार सावन के पवित्र महीने में कुल 4 सोमवार पड़ेंगे और इस बार सावन का पहला सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को पड़ रहा है, जिसमें भक्त अपनी श्रद्धा से बाबा भोलेनाथ की पूजा आराधना करते हैं तो वहीं पौराणिक मान्यता है कि सावन के पहले सोमवार को विधिवत और शुभ समय पर बाबा भोलेनाथ को जल अर्पित किया जाए तो वह प्रसन्न होकर अपने भक्तों को धन-धान्य का आशीर्वाद देते हैं ।
बता दें, इस बार सावन में चार सोमवार पड़ रहे हैं, जिसे शुभ माना जा रहा है. तो आइए जानते हैं हर सोमवार का क्या महत्व-
इस बार सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को है यह पहला सोमवार सभी भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है. ऐसा मााना जाता है कि इस दिन शिव की पूजा से सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है.
सावन का दूसरा सोमवार 29 जुलाई को है. इस दिन शिव की पूजा-अर्चना से भक्तों को अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है.
तीसरा सोमवार 5 अगस्त को है. भक्तजन इस दिन शिव के मंत्रों का जाप करके मंत्र सिद्धि को प्राप्त करते हैं.
सावन का चौथा और आखिरी सोमवार 12 अगस्त को पड़ रहा है. इस दिन भोलेनाथ की पूजा से शत्रुओं पर विजय और कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है.
सावन व्रत की पूजा विधि
बता दें, इस बार सावन का पहला सोमवार ऐसे मुहूर्त में शुरू हो रहा है, जिसमें व्रत रखने से संतान सुख, धन, निरोगी काया और मनोवांछित जीवन साथी प्राप्त होता है, साथ ही दाम्पत्य जीवन के दोष और अकाल मृत्यु जैसे संकट दूर हो जाते हैं । उनके अनुसार, सावन के सोमवार को सुबह 7 बजे से 9 बजे तक बाबा भोलेनाथ को जल अर्पित करने का शुभ समय है । इस शुभ मुहूर्त में उन सभी लोगों को जल अर्पित करना चाहिए, जो आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे हैं । असल में इसी समय के भीतर अगर आप जल अर्पित करते हैं तो आपकी मनोकामना पूरी होती है ।
- सोमवार व्रत रखने वाले व्यक्ति को सूर्योदय से पूर्व उठकर दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान करना चाहिए। साफ कपड़े पहने और पूजा घर में जाएं। और पूजा स्थान की सफाई करें।
- -आसपास कोई मंदिर है तो वहां जाकर भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल व दूध अर्पित करें।
- -भोलेनाथ के सामने आंख बंद शांति से बैठें और व्रत का संकल्प लें।
- -दिन में दो बार सुबह और शाम को भगवान शंकर व मां पार्वती की अर्चना जरूर करें।
- -भगवान शंकर के सामने तिल के तेल का दीया प्रज्वलित करें और फल व फूल अर्पित करें।
- -ऊं नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान शंकर को सुपारी, पंच अमृत, नारियल व बेल की पत्तियां चढ़ाएं।
- -सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ करें और दूसरों को भी व्रत कथा सुनाएं।
- -पूजा का प्रसाद वितरण करें और शाम को पूजा कर व्रत खोलें।