नई दिल्ली। ग्रेटा थनबर्ग गूगल टूलकिट मामले में बेंगलुरु की 22 साल की एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस को अब निकिता जैकब (Nikita Jacob) और शांतनु (Shantanu) की तलाश है। उसने दिल्ली की एक अदालत में दोनों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है जिसके आधार पर अदालत ने इन दोनों के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी कर दिया है। टूलकिट केस में बेंगलुरु की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है जिसे अदालत ने पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तानी संगठन पॉएटिक जस्टिस फाउंडेशन (Poetic Justice Foundation) के संस्थापक एमओ धालीवाल ने निकिता से उसके सहयोगी पुनीत के जरिए संपर्क किया। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि दिशा और निकिता ने एमओ धालीवाल के साथ जूम ऐप पर मीटिंग की थी। इस मीटिंग का मकसद 26 जनवरी से पहले सोशल मीडिया पर खलबली मचाना था।

ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों के सपोर्ट में टूलकिट शेयर की थी

यह मामला देश के आंदोलनकारी किसानों से जुड़ा है जो दिल्ली की सीमाओं पर 82 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। 3 फरवरी को 18 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने दो सोशल मीडिया पोस्ट लिखी थीं। पहली पोस्ट में उन्होंने किसानों का समर्थन किया था जबकि दूसरी पोस्ट में एक टूलकिट शेयर की थी। यह टूलकिट दरअसल एक गूगल डॉक्यूमेंट था। इसमें ‘अर्जेंट और ऑन ग्राउंड एक्शंस’ का जिक्र था।

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इसे सरकार विरोधी मानते हुए टूलकिट बनाने वालों के खिलाफ 4 फरवरी, 2021 को देशद्रोह और साजिश रचने के आरोप में एफाईआर दर्ज की थी। दिल्ली पुलिस ने गूगल से इस टूलकिट से जुड़ी जानकारी साझा करने को कहा और इसके बाद दिशा की गिरफ्तारी हुई।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चार दिन पहले यानी 11 फरवरी को निकिता जैकब के घर जाकर उसके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की पड़ताल की थी। दिल्ली पुलिस ने तब निकिता से कहा था कि वह फिर से आएगी लेकिन दोबारा पहुंचने पर निकिता गायब हो चुकी था। दिल्ली पुलिस का कहना है कि निकिता गिरफ्तारी से बचने के लिए छिप रही है। उसने अंतरिम जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में आवेदन दिया है।

टूलकिट मामले में शांतनु चौथा नाम है। दिल्ली पुलिस ने अभी सिर्फ इतना बताया है कि शांतनु भी टूलकिट से जुड़ा हुआ था। उसके बारे में अभी और जानकारी सामने नहीं आई है।

कौन है निकिता जैकब?

विवाद छिड़ने पर निकिता ने अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर दिया था। दावा किया जा रहा है कि तब उसने अपने प्रोफाइल में खुद का परिचय बॉम्बे हाई कोर्ट की वकील, पर्यावरणविद् और आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़े होने के रूप में दे रखा था। हालांकि, नए प्रोफाइल में उसने आप से अपने संबंध की बात हटा दी है। ट्विटर यूजर विजय पटेल ने दावा किया है कि निकिता ने 30 जनवरी, 2021 को ‘सॉलिडेरिटी विद इंडियन फार्मर्स’ के नाम से डॉक्युमेंट तैयार किया था। दावा है कि उसने इंस्टाग्राम पर News Infuse नाम से एक अकाउंट भी बना रखा है जहां पर वह प्रॉपगैंडा फैलाती रहती है।


निकिता ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर एक वेबसाइट का लिंक शेयर किया है। इस वेबसाइट पर उसने अपना परिचय देते हुए बताया है कि वो एक वकील है। साथ ही, सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद करती रहती है। वेबसाइट के मुताबिक, निकिता सही के पक्ष में खड़ा होना चाहती है लेकिन आखिर में वह अनचाहे गलती कर बैठती है। वह अपने बारे में कहती है कि उसे कोई भी आसानी से प्रभावित कर सकता है। निकिता अपने बारे में बताते हुए कहती है कि वह लेखक, गायिका और वॉइस आर्टिस्ट बनना चाहती है। फोटॉग्राफी भी कर लेती है और खाना भी बना लेती है।

नकिता कहती है कि उसे वर्गविभेद बिल्कुल पसंद नहीं है। वह कहती है, “मैं किसी भी उम्र या पृष्ठभूमि के व्यक्ति से बातचीत करके आसानी से जुड़ सकती हूं।” वह खुद को गहन आलोचक भी बताती है और कहती है कि उसे तथ्यों और आंकड़ों का तार्किक और भावनात्कम, दोनों स्तर पर विश्लेषण करना पसंद अच्छा लगता है। वह मुंबई में एक कैथलिक इसाई परिवार में जन्मी है।

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