लखनऊ। न्याय की उम्मीद में बार-बार पुलिस की चौखट से लेकर राजस्व विभाग के दफ्तर तक जाने के बावजूद कोई सुनवाई न होने से परेशान एक परिवार ने सोमवार को विधानसभा के सामने मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया।
बाराबंकी कोतवाली क्षेत्र के लवखेड़ा बाग निवासी मो. नसीर की बाराबंकी में ही फर्नीचर की दुकान है। उसने आरोप लगाया है कि कुछ दबंग उसे परेशान कर रहे हैं और इसकी शिकायत के बावजूद पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।
मो. नसीर सोमवार दोपहर लोकभवन के सामने आत्मदाह के लिए परिवार समेत पहुंचा। इस दौरान उसके साथ पत्नी रजिया बानो, बेटी सायरा तथा बेटे अजीम और सलीम भी थे। नसीर ने खुद पर मिट्टी का तेल उड़ेल लिया था। यह देख पुलिसकर्मियों ने उसे रोका और सिविल अस्पताल भेज दिया। नसीर के मुताबिक उसकी जमीन पर सड़क बनवा दी गई है पर न तो अब तक उसे मुआवजा मिला और न ही उक्त जमीन के बदले जमीन दी गई। उधर इंस्पेक्टर हजरतगंज राधा रमण सिंह ने बताया कि इस मामले में बाराबंकी के कोतवाल से बात की गई। उन्होंने बताया कि जिस जमीन पर सड़क बनाई गई वह सरकारी थी, न कि नसीर की जैसा कि वह दावा कर रहा है।
अस्पताल में भर्ती नसीर ने बताया कि 1997 में उसे सड़क किनारे पट्टे से जमीन आवंटित हुई थी जिस पर उसकी फर्नीचर की दुकान थी। उसका आरोप है कि पार्षद सालू के पति प्रदीप ने सारा सामान फेंकवा दिया और सड़क की सरकारी जमीन बताकर कब्जा छीन लिया। वह पिछले एक साल में पुलिस, उच्च अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक से गुहार लगा चुका है। नसीर के मुताबिक उसके परिवार को दबंगों से खतरा बना हुआ है।