भुवनेश्वर। (Odisha gangrape 1999) “कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं।” यह पुरानी कहावत ओडिशा में उस वक्त एक बार फिर सही साबित हुई जब एक आईएफएस अधिकारी की पत्नी के साथ सामूहिक बलात्कार (Gang rape) का एक आरोपी 22 साल बाद महाराष्ट्र में पकड़ा गया। सामूहिक दुष्कर्म के इस मामले ने इतना तूल पकड़ा था कि ओडिशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री जानकी बल्लभ पटनायक को 1999 में त्यागपत्र देना पड़ा था।

भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त एस. सारंगी ने बताया कि बिबेकानंद बिस्वाल उर्फ बिबन को महाराष्ट्र के लोनावाला की ऐम्बी वैली से पकड़ा गया। बिबन वहां जालंधर स्वैन की फर्जी पहचान के साथ प्लंबर के रूप में काम कर रहा था। उसको पकड़ने के लिए तीन महीने पहले “ऑपरेशन साइलेंट वाइपर” शुरू किया गया था जिसमें सोमवार को बिबन को पकड़ने में सफलता मिली।

अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में तीन लोग आरोपी हैं जिनमें से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था और अदालत द्वारा दोषी ठहराया जा चुका है। लेकिन, बिबन दो दशक से अधिक समय से फरार था। इस मामले के एक दोषी प्रदीप साहू उर्फ पाडिया की पिछले साल फरवरी में इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी। इस मामले में सबसे पहले 15 जनवरी, 1999 को पाडिया को ही गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई को दी गई थी मामले की जांच

इन तीनों लोगों ने 9 जनवरी, 1999  को देर रात बारंगा के पास महिला  की कार रोक कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया था। महिला अपने एक पत्रकार दोस्त के साथ कार से कटक जा रही थी। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।

सूत्रों ने बताया कि पुलिस अब बिबन को सीबीआई को सौंपेगी, जो उसे आधिकारिक रूप से गिरफ्तार करेगी। महिला ने मुख्य आरोपी को फांसी देने की मांग की है।

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