लखनऊ/नोएडा। उत्तर प्रदेश में अपने सिकुड़ चुके जनाधार को जैसे-तैसे फिर से सहेजने का प्रयास कर रही समाजवादी पार्टी को शनिवार को बड़ा झटका लगा। पार्टी के कद्दावर नेता व पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल यादवने पार्टी के सभी पदों के साथ-साथ प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि अनिल यादव का गौतमबुद्ध नगर जिले में व्यापक प्रभाव है।

अखिलेश यादव के करीबी नेताओं में शुमार रहे अनिल यादव ने अपने इस्तीफे में लिखा है, “यह वह समाजवादी पार्टी नहीं है जिसका मैं सच्चा सिपाही हूं।” राजनीतिक के जानकारों का दावा है कि वह कांग्रेस पार्टी में भी शामिल हो सकते हैं क्योंकि उनकी पत्नी पंखुड़ी पाठक भी कांग्रेस में हैं और सक्रिय तौर पर काम कर रही हैं। हालांकि, भाजपा में भी शामिल होने का विकल्प उनके पास है लेकिन इसकी संभावना कम है।

अखिलेश यादव को भेजे अपने इस्तीफे में अनिल यादव ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी और कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रभारी पंखुड़ी पाठक के खिलाफ सपा के कुछ नेताओं ने अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं जिससे वह आहत हैं। उनका यहां तक कहना है कि उनके आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया गया। इतना ही नहीं, इस मुद्दे पर उन पर ही चुप रहने के लिए दबाव बनाया गया। अनिल यादव ने इस बबात ट्विटर पर एक वीडियो भी अपलोड किया है जिसमें उन्होंने खुलकर अपनी बात कही है।

अपने ट्विटर हैंडल पर अनिल यादव ने लिखा, “कल एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें अखिलेश जी पर आमजन को टीका टिप्पणी करने का मौका मिला। कांग्रेस ने भी उस तस्वीर को प्रियंका जी की तस्वीर के साथ लगाकर कटाक्ष किया और मेरी पत्नी पंखुड़ी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ता की पोस्ट को शेयर किया। इसके बाद बहुत सारे सपा के लोगों ने पंखुड़ी को अभद्र और अशोभनीय बातें लिखनी शुरू कर दीं। हालांकि, मैं सोशल मीडिया पर लिखी किसी चीज को महत्व नहीं देता लेकिन कुछ तो इतनी घटिया थीं कि कोई आम आदमी अपने घर की महिला के बारे में ऐसा देखे तो सह न सके।”

उन्होंने आगे लिखा, “पंखुड़ी ने पुलिस कंप्लेंट कर दी जिस पर विधिवत कार्रवाई जारी है लेकिन पार्टी की तरफ से उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा मुझे लोगों ने पंखुड़ी को समझाने की नसीहत देनी शुरू कर दी। सुबह जब में उठा तो मैंने देखा कि मुझे सपा के सभी आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप से निकाल दिया गया है जिसका सीधा संदेश मुझे समझ आ गया है। इसलिए मैं सपा की प्राथमिक और आजीवन सदस्यता से इस्तीफा देता हूं।”

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