नई दिल्ली। देश में निजी क्षेत्र में कार्यरत लाखों कामगार-कर्मचारियों के लिए यह बड़ी राहत की खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO, ईपीएफओ) ने ईपीएफ डिपॉजिट में मिलने वाले ब्याज की दर में कोई बदलाव नहीं किया है। यानी उनके ईपीएफ डिपॉजिट पर वित्त वर्ष 2019-2020 की तरह वर्ष 2020-2021 में भी 8.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ (CBT, सीबीटी) की श्रीनगर में गुरुवार को हुई अहम बैठक में यह घोषणा की गई।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से एक प्रेस रिलीज कर बताया गया है कि ट्रस्टीज़ बोर्ड ने 2021 के लिए ब्याज दरें वही रखी हैं  क्योंकि EPFO ने कर्ज और शेयरों से आय प्राप्त की है जिसके चलते वह अपने सब्सक्राइबर्स को ऊंचे रिटर्न दे पा रहा है।

पिछले साल कोरोना वायरस के बीच एक तो लोगों को पीएफ का पैसा नहीं मिला था, ऊपर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीती 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में पीएफ पर ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स से छूट की सीमा को सीमित करने की घोषणा की थी। ऐसे में अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार क्या ब्याज दरें रखती है, इस पर सबकी नजरें थीं।

यह है नया प्रावधान

बजट में आए नए प्रावधान के मुताबिक, अब ऐसे पीएफ खाताधारक जिन्हें ढाई लाख रुपये तक के सालाना अंशदान पर ब्याज मिलता है, सिर्फ उन्हें ही टैक्स से छूट मिलेगी। इसके अलावा किसी भी हाई-इनकम पीएफ खाताधारक को, जिसका सालाना अंशदान ढाई लाख रुपये से ज़्यादा है, ब्याज से होने वाली आय पर आयकर देना होगा। 

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