बरेली। संभागीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण केंद्र में पांच दिवसीय आशा प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत नवजात शिशु की घर पर देखभाल के माड्यूल 6 एवं 7 पर द्वितीय बैच के पांचवें दिन आशाओं को गहन प्रशिक्षण दिया गया। शनिवार को आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आशाओं को आशा के गुण, कौशल आदि की जानकारी दी गई। राज्य प्रशिक्षक अमित तोमर, चंद्रप्रकाश, प्रदीप कुमार एवं बीएम सिंह ने विभिन्न विषयों पर जानकारी दी।
समुदाय में कार्य करने के लिए योजना बनाने पर चर्चा करते हुए प्रशिक्षण के विभिन्न पद्धतियों समूह चर्चा, रोल प्ले आदि के माध्यम से बहुत ही सरल भाषा में समझाया गया। हाइपोथर्मिया से बचाने के लिए बच्चे को कंबल में लपेटने के कौशल का अभ्यास भी कराया गया। इसके पश्चात कराया कोर्स संबंधी मूल्यांकन किया गया। भुगतान संबंधी कार्यवाही के बाद प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित करते हुए प्रधानाचार्य डॉ साधना अग्रवाल ने विभिन्न जानकारियां दीं। प्रशिक्षण समन्वयक बीएम सिंह ने प्रशिक्षण की व्यवस्थाओं को देखा।
पांच दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान आशा होने का अर्थ, आशा कार्यक्रम के मापनीय परिणाम, आशा की अनिवार्य कौशल, आशा को सफल बनाने के गुण, गर्भावस्था का पता लगाना, सुरक्षित प्रसव की योजना बनाना, प्रसव साथी के रूप में आशा की भूमिका, प्रसव पश्चात देखभाल, मां एवं नवजात शिशु की देखभाल के लिए घरों के दौरा, नवजात शिशु की देखभाल, वीएचएनडी में आशा द्वारा रखे जाने वाले रिकॉर्ड, आशा के लिए सहयोग एवं पर्यवेक्षण की जानकारी देने के साथ-साथ “तारा हमारी आशा” नामक फिल्म दिखाने फिल्म के साथ-साथ फील्ड विजिट भी कराई गई।
प्रशिक्षण में शहरी आशा रीता देवी, धीरज सक्सेना, मिथिलेश राजपूत, शशि वाला, प्रीति मिश्रा, रीता कुमारी, सुनीता सक्सेना, मीता गुप्ता, छाया, नीतू, रेनू बाला, ममता कुमारी, सपना पाल, सुरक्षा दीक्षित, सीता, रहीसा बानो, प्रेमलता, ममता शर्मा, कमला देवी, गुफरान बेगम, मीना शर्मा आद् शमिल हुईं।