हरिद्वार। महाशिवरात्रि के मौके पर आज हरिद्वार महाकुंभ का पहला शाही स्नान चल रहा है। हरकी पैड़ी समेत तार्थनगरी से सभी गंगा घाटों पर शाही स्नान के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। हरकी पैड़ी परसबसे पहले श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा ने शाही स्नान किया जिसकी जिसकी अगुआई आखाड़े के आचार्य महाममडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने की। आईजी कुंभ संजय गुंज्याल का दावा है कि बुधवार रात 12 बजे से सवेरे करीब 9 तक 22 लाख से ज्यादा लोगों ने स्नान किया।

गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने पहले महाशिवरात्रि स्नान पर्व को पहला शाही स्नान घोषित किया हुआ था लेकिन नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ। फिर भी स्नान की तमाम व्यवस्थाएं शाही स्नान पर्व की तरह हैं।

संतों के स्नान से पहले सुबह करीब 7 बजे हरकी पैड़ी घाट खाली करवा दिया गया। सुबह 10 बजे से अखाड़ों के संतों ने स्नान करना शुरू किया। श्रद्धालु हरकी पैड़ी क्षेत्र छोड़कर अन्य घाटों पर स्नान कर रहे हैं। सबसे पहले जूना अखाड़ा के संतों ने स्नान किया। आह्वन अखाड़ा स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंचा। इसके बाद आह्वान अखाड़े और फिर किन्नर अखाड़े ने शाही स्नान किया। किन्नर अखाड़ा पहली बार हरिद्वार कुंभ में शामिल हो रहा है। दशनामी संन्यासी अखाड़ों के स्नान से पहले ही हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड पर स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। काफी मसक्कत के बाद साधु-संतों के स्नान करने के लिए हर की पैड़ी को खाली कराया गया।

शाही स्नान के लिए उत्तराखंड पुलिस के बैंड ने नमो शिवाय की धुन बजाकर साधुओं का स्वागत किया। हर की पौड़ी पर आज सिर्फ साधु-संत ही स्नान कर रहे हैं। रथों पर सवार होकर अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर और महामंडलेश्वर हरकी पैड़ी पहुंचे। शाम 6:30 बजे तक दसनामी सन्यासी अखाड़ों के साधु संत महामंडलेश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्नान करेंगे।

समाचार लिखए जाने तक जूना, आह्वान, अग्नि और किन्नर अखाड़ों के संत स्नान कर अपने छावनियों में चले गए थे। हरकी पैड़ी पर पुलिस और पैरामिल्ट्री के सुरक्षा घेरे में संतों को हरकी पैड़ी के घाट तक पहुंचाया गया जिसके बाद संतों ने स्नान किया। लोगों को उनके नजदीक नहीं जाने दिया गया।

तीर्थनगर के कई घाटों पर महाशिवरात्रि पर्व और महाकुंभ के पहले शाही स्नान पर श्रद्धालुओं के स्नान का सिलसिला जारी है। देर रात से हाईवे जाम हैं और श्रद्धालु पैदल गंगा घाटों पर पहुंच रहे हैं। सुबह तड़के से ही हरकी पैड़ी पर जबरदस्त भीड़ लगी है।

अखाड़ों की धार्मिक परंपराओं के लिहाज से कुंभ मेला जनवरी से शुरू हो चुका है। इस प्रकार कुंभ में अभी तक मकर सक्रांति, मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी और माघी पूर्णिमा स्नान पर्व संपन्न हो चुके हैं। लेकिन, श्रद्धालुओं की संख्या उम्मीद से कम रही है। महाशिवरात्रि स्नान पर्व पर सातों संन्यासी अखाड़े इस कुंभ का पहला स्नान कर रहे हैं और आम श्रद्धालुओं की संख्या भी पिछले स्नान पर्वों से अधिक है।

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