Online Shopping

नई दिल्ली। अपने भविष्य को लेकर चिंतित थोक और खुदरा व्यापारी भले ही ई-कॉमर्स बिजनेस/प्लेटफार्म का विरोध कर रहे हों पर आम लोगों को यह खूब लुभा रहा है। घर बैठे-बैठे खरीदारी और माल पसंद न आने पर आसानी से वापसी की यह सुविधा आम उपभोक्ताओं को इतनी भा रही है कि आने वाले समय में इसमें जबरदस्त उछाल आने की उम्मीद है। ग्लोबल फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनी FIS की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में ई-कॉमर्स मार्केट में 2024 तक 84 प्रतिशत की बढ़त आ सकती है और इसके 111 बिलियन डॉलर (करीब 8 लाख करोड़ रुपये) होने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वृद्धि मोबाइल शॉपिंग से होगी जो अगले 4 साल में सालाना 21% बढ़ने का अनुमान है।

शोध से पता चला है कि कोविड महामारी के दौरान डिजिटल कॉमर्स में तेजी आई है। भारत सहित कई देशों ने कोविड-19 की वजह से उपभोक्ता के व्यवहार में बड़ा बदलाव देखा गया है। वे अब ऑनलाइन शॉपिंग को ज्यादा प्राथमिकता दे रहे हैं।


FIS के वर्ल्डपे, एशिया पैसिफिक के मैनेजिंग डायरेक्टर फिल पोमफोर्ड ने कहा, “भारतीय ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में कोविड-19 के कारण भारी उछाल आया है। इसमें भविष्य की ग्रोथ के लिए पर्याप्त संभावना है। ई-कॉमर्स की क्षमता अब केवल ट्रेडिशनल वेबसाइटों तक सीमित नहीं है। फिजिकल रिटेल भी अब डिजिटल दुनिया के साथ जुड़ रहा है।”

ग्राहकों को पसंद आ रहा बाय नाउ, पे लेटर

FIS के वर्ल्डपे ने अपनी 2021 ग्लोबल पेमेंट रिपोर्ट में मौजूदा और फ्यूचर पेमेंट्स ट्रेंड्स के लिए 41 देशों के रुझानों शामिल किए हैं। भारत में “बाय नाउ, पे लेटर” के चलते ऑनलाइन पेमेंट मैथड तेजी से ग्रो कर रहा है। 2020 में डिजिटल वॉलेट 40%, क्रेडिट कार्ड 15% और डेबिट कार्ड 15% के तौर पर ऑनलाइन पेमेंट के सबसे लोकप्रिय तरीके रहे।


रिपोर्ट में डेटा से पता चलता है कि डिजिटल वॉलेट के साथ की गई खरीदारी से ऑनलाइन पेमेंट की बाजार हिस्सेदारी 2024 तक 47% तक बढ़ने की उम्मीद है। FIS की रिपोर्ट में पाया गया कि भारत में पॉइंट ऑफ सेल (POS) मार्केट में 2024 तक 41% की वृद्धि का अनुमान है।


भारत में सबसे पसंदीदा इन-स्टोर पेमेंट मैथड 34% के साथ कैश लेने-देन है। इसके बाद डिजिटल वॉलेट 22% और फिर डेबिट कार्ड 20% आते हैं। 2024 तक सबसे पसंदीदा इन-स्टोर पेमेंट मैथड डिजिटल पेमेंट होगा।

 

error: Content is protected !!