कोलंबो। धार्मिक कट्टरपंथ से जूझ रहे देश एक के बाद एक सख्त कदम उठा रहे हैं। फ्रांस के अपने यहां मदरसों पर कड़े प्रतिबंध लगाने के बाद अब श्रीलंका ने भी बुर्के पर प्रतिबंध लगाने और 1 हजार से अधिक इस्लामिक स्कूलों को बंद करने की घोषणा कर दी है। डेनमार्क, जर्मनी, स्विट्जरलैंड भी इस्लामिक कट्टरपंथियों पर कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं। चीन तो मुसलमानों पर सख्ती के नाम पर 20 लाख से अधिक उडीगर मुसलमानों को यातना शिविरों में डाल चुका है।  

श्रीलंका की महिंदा राजपक्षे सरकार में सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री सरथ वेरासेकेरा ने शनिवार को ऐलान किया कि देश में जल्द ही बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा कम से कम 1 हजार इस्लामी स्कूलों को भी बंद किया जाएगा। वेरासेकेरा ने कहा कि उन्होंने कैबिनेट की मंजूरी के लिए एक बिल परन  हस्ताक्षर किए हैं। इस बिल में राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर मुस्लिम महिलाओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है। अगर यह बिल कैबिनेट से पारित हो जाता है तो श्रीलंका की संसद इस पर कानून बना सकती है।

वेरासेकेरा ने कहा कि सरकार ने एक हजार से अधिक मदरसा इस्लामिक स्कूलों पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई है। ये मदरसे श्रीलंका के राष्ट्रीय शिक्षा नीति की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि कोई भी स्कूल नहीं खोल सकता है और बच्चों को आप जो भी चाहते हैं वह सिखा नहीं सकते हैं।

मंत्री ने कहा- बुर्का धार्मिक अतिवाद का संकेत

सरथ वेरासेकेरा ने कहा कि पहले के समय में मुस्लिम महिलाएं और लड़कियां बुर्का नहीं पहनती थीं। यह हाल ही में आए धार्मिक अतिवाद का संकेत है। हम निश्चित रूप से इस पर प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस कानून से श्रीलंका में मुसलमानों का गुस्सा बढ़ सकता है।

बौद्ध बहुसंख्यक श्रीलंका में साल 2019 में इस्लामी आतंकवादियों के चर्चों और होटलों में किए गए हमले के बाद भी कुछ समय के लिए बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस हमले में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

मुसलमानों के शवों को दफनाने पर लगाया था प्रतिबंध

श्रीलंका ने कोरोना महामारी के दौरान संक्रमण से मरे मुसलमानों के शवों को दफनाने पर रोक लगा दी थी। तब सरकार ने यह दलील दी थी कि शव दफनाने से संक्रमण फैलने की आशंका है। हालांकि, तब इस फैसले को लेकर श्रीलंका के मुस्लिमों ने काफी विरोध किया था। मामला श्रीलंका की सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था लेकिन फैसला जस का तस रहा। बाद में अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूहों की आलोचना के बाद श्रीलंकाई सरकार ने इस साल की शुरुआत में इस प्रतिबंध को हटा दिया था।

कई देशों में बुर्के पर आंशिक या पूर्ण प्रतिबंध

श्रीलंका के अलावा भी दुनिया के कई सारे देश बुर्के पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। यूरोप के कई देशों ने बुर्के पर आंशिक या पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा रखा है। इनमें नीदरलैंड, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, जर्मनी, स्विट्जरलैंड और डेनमार्क शामिल हैं। हाल के दिनों में जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क ने बढ़ते कट्टरपंथ को देखते हुए और भी कई तरह के नए प्रतिबंधों को लगाने का ऐलान किया है।

 
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