बरेली। विजिलेंस अधिकारी बनकर दून एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे युवक को मुख्य टिकट निरीक्षक की अगुवाई वाली टीम ने शक होने पर रोक लिया। इस पर वह टीटीई को धमकाने लगा है। इस पर उसे आरपीएफ के हवाले कर दिया गया।

मामला देहरादून से हावड़ा जाने वाली गाड़ी नंबर 03010 ( दून एक्सप्रेस)  का है। आरपीएफ निरीक्षक विपिन कुमार सिसौदिया ने बताया कि  झारखंड निवासी अरुणाभ क्षितिज नाम का एक युवक मुरादाबाद से ट्रेन में सवार हुआ। वह बिहार के गोमोह जा रहा था। उसका कन्फर्म टिकट थर्ड एसी में था लेकिन टीटीई को डरा-धमका कर उसने सेकंड एसी में सीट हड़प ली। इसी बीच सीबीगंज में जब दूसरे टीटीई ने टिकट चेकिंग के लिए मांगा तो वह उसकी वीडियो बनाने लगा। साथ ही कहा कि वह रेलवे में विजिलेंस अधिकारी है और रेल मंत्री से कह कर उसे निलंबित करा देगा। टीटीई ने आइडी मांगी तो वह इधर-उधर की बातें करने लगा। संदेह के आधार पर उसे बरेली जंक्शन पर ट्रेन से उतार लिया गया। पूछताछ में फर्जीवाड़ा सामने आ गया।  

बहस के दौरान टीटीई ने भी एक वीडियो बनाई जिसमें आरोपी अरुणाभ खुद को विजिलेंस अफसर बोल रहा है। मामले में टीटी की ओर से धोखाधड़ी, सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। जब अरुणाभ को जेल भेजा गया तो वह रोने लगा। उसका कहना है कि उसने एग्रेसिव होने के कारण विजिलेंस बोल दिया था लेकिन मामला कुछ और ही था। जीआरपी इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह राणा ने बताया कि टिकट चेकिंग टीम की ओर से एक वीडियो भी दिया गया है। इसमें यात्री अपने को विजिलेंस अफसर बता रहा है। इस मामले में टीटी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। 

error: Content is protected !!