बरेली। बरेली कॉलेज में एक ही टेंडर पर करोड़ों की बिल्डिंग बनवाने के मामले में क्राइम ब्रांच ने सोमवार को आरोपियों की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी की। क्राइम ब्रांच ने मैनेजमेंट कमेटी के उपाध्यक्ष काजी अलीमुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही बरेली कॉलेज मैनेजमेंट कमेटी के सचिव, प्राचार्य, पूर्व प्राचार्य और प्रॉक्टर समेत 14 आरोपियों के घर पर भी दबिश दी लेकिन वे नहीं मिले। यह कार्रवाई वर्ष 2018 में दर्ज एफआईआर की लंबी जांच के बाद की गई है। पुलिस अधिकारियों ने कार्रवाई की पुष्टि प्रेस नोट के जरिये की है। काजी अलीमुद्दीन को मंगलवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
बरेली कॉलेज में बड़े पैमाने पर घपलों-घोटालों की शिकायतों के बाद तत्कालीन मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद के निर्देश पर क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. राजेश प्रकाश ने थाना बारादरी में 7 दिसंबर 2018 को मैनेजमेंट कमेटी के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन, जालसाजी के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे की विवेचना बारादरी थाने से क्राइम ब्रांच ट्रांसफर कर दी गई। विवेचना के दौरान क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह कटियार ने पाया कि दो करोड़ से ज्यादा के काम बिना टेंडर कराये गए। सेल्फ फाइनेंस विभागों में वित्तीय अनियमितता कर बिलों का भुगतान किया गया। तमाम गड़बड़ियां सामने आई थीं। कॉलेज का पांच साल का रिकॉर्ड खंगाला गया। विवेचना में आरोप सही पाये गए। इसके बाद इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह कटियार ने बरेली कॉलेज मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य काजी कलीमुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया।
14 लोगों के घरों पर दी दबिश
इंस्पेक्टर क्राइम ब्रांच ने बरेली कॉलेज मैनेजमेंट कमेटी के सचिव, पूर्व प्राचार्य सोमेश यादव, पूर्व प्राचार्य डॉ. अजय शर्मा, ठेकेदार मसूद समेत करीब 14 लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। सोमवार को पुलिस सबके घरों पर पहुंची। इनमें काजी अलीमुद्दीन को हिरासत में ले लिया गया। सचिव देवमूर्ति, पूर्व प्राचार्यों, पूर्व चीफ प्रॉक्टर डॉ. अजय शर्मा, तत्कालीन स्थापना प्रभारी डॉ. अनुराग मोहन जो कि अब प्राचार्य हैं, के घरों पर भी पुलिस पहुंची लेकिन वे नहीं मिले। बताया जा रहा है कि कई आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद निकल गए जिससे कि हाईकोर्ट से जमानत करा सकें।
क्राइम ब्रांच सुरेंद्र सिंह कटियार ने बताया कि जांच में सामने आया है कि बगैर टेंडर निर्माण कराये गए। एक ही टेंडर पर करोड़ों के काम करवा दिए। चार से पांच करोड़ के निर्माण कार्यों में अनियमितता रही। एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। अन्य की तलाश की जा रही है।