नई दिल्ली। हो सकता है कि अगले एक साल के अंदर आपको राष्ट्रीय और राज्य राज्यमार्गों (Highways) पर टोल प्लाजा नजर ही नहीं आएं। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय समय की बर्बादी रोकने के लिए इन्हें समाप्त कर ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस,GPS) के जरिये टोल वसूली की योजना पर काम कर रहा है। केंद्रीय सड़क, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद में कहा कि अगले एक साल मौजूदा टोल कलेक्शन सिस्टम को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा, यानी मौजूदा टोल प्लाजा हटा दिए जाएंगे। इसकी जगह पर टोल कलेक्शन के लिए नया सिस्टम बनाया जा रहा है।

गडकरी ने कहा कि GPS के जरिये टोल टैक्स वसूली में वाहन जितने किलोमीटर तक हाईवे का प्रयोग करेगा, उतने किलोमीटर के लिए ही टोल टैक्स की वसूली की जाएगी। हाईवे पर चढ़ने और उतरने की रिकॉर्डिंग GPS के जरिए दर्ज की जाएगी। उदाहरण के लिए यदि कोई वाहन चालक एक पॉइंट से हाईवे पर चढ़ने के बाद 35 किलोमीटर की यात्रा करके हाईवे छोड़ता है तो उससे केवल 35 किलोमीटर के लिए ही टोल टैक्स वसूला जाएगा। मौजूदा व्यवस्था में प्रत्येक 60 किलोमीटर पर टोल प्लाजा स्थित है और वाहन चालकों को कम से कम 60 किलोमीटर के लिए टोल टैक्स देना पड़ता है।

पुराने वाहनों में मुफ्त लगाया जाएगा जीपीएस

प्रश्नकाल के दौरान सांसद दानिश कुंवर अली के एक सवाल के जवाब में परिवहन मंत्री ने कहा कि नए वाहनों में GPS कंपनी की ओर से लगाकर दिया जा रहा है। पुराने वाहनों में GPS की समस्या है। टोल टैक्स कलेक्शन के नए सिस्टम के लिए सरकार की ओर से पुराने वाहनों में मुफ्त GPS लगवाया जाएगा।

फास्टैग से होगी टोल टैक्स की वसूली

नए सिस्टम में टोल टैक्स की वसूली फास्टैग के जरिए होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी देश में करीब 93 प्रतिशथ टोल टैक्स कलेक्शन फास्टैग के जरिए हो रहा है। नकदी के जरिए टोल टैक्स देने वाले शेष 7 प्रतिशत वाहनों को फास्टैग से जोड़ने के लिए कार्रवाई की जा रही है।

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