गांधीनगर। गुजरात के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल शामलाजी विष्णु मंदिर में छोटे कपड़े (स्कर्ट-बरमूडा) पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। यह नियम आज शुक्रवार से ही लागू कर दिया गया है।

मंदिर का संचालन करने वाले ट्रस्ट का कहना है कि ऐसे कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर के बाहर ही रोक दिया जाएगा। हालांकि, ट्रस्ट की ओर से दर्शन करने तक के लिए कपड़ों की व्यवस्था की जाएगी। मंदिर के बाहर ही पुरुषों के लिए धोती और पितांबर जबकि महिलाओं के लिए लहंगे की व्यवस्था होगी जिन्हें पहनकर मंदिर में प्रवेश किया जा सकेगा। ट्रस्ट ने मंदिर के बाहर एक बोर्ड भी लगाया है जिसमें लिखा है, “दर्शन के लिए आने वाले भाइयों-बहनों से विनती है कि छोटे कपड़े और बरमूडा पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा। मास्क पहनना अनिवार्य है।”

भगवान कृष्ण के दुर्लभ मंदिरों में से एक है शामलाजी मंदिर

गुजरात पर्यटन वेबसाइट के अनुसार, शामलाजी अरवल्ली जिले में स्थित एक कस्बा है जो शामलाजी विष्णु मंदिर के नाम पर है। यह करीब 500 साल पुराना मंदिर है जो मेशवो नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर श्रीहरि के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के श्यामल स्वरूप के नाम पर है। ‘साक्षी गोपाल’ या ‘गदाधर’ भगवान विष्णु का एक काला प्रतिनिधित्व है जिन्हें शामलाजी मंदिर में पूजा जाता है।

यह भगवान कृष्ण के दुर्लभ मंदिरों में से एक है। यहां गाय के बचपन को एक गौशाला में मूर्तियों के रूप में दर्शाया गया है। वैष्णवों के लिए शामलाजी भारत में तीर्थयात्रा के सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है।

सफेद बलुआ पत्थर और ईंटों से निर्मित यह मंदिर दो मंजिला हैं जो स्तंभों की पंक्तियों पर समर्थित हैं। यह गहराई से नक्काशीदार है। रामायण और महाभारत जैसे पवित्र महाकाव्यों की कथाएं इसकी बाहरी दीवारों पर उकेरी गई हैं।

 
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