नई दिल्ली/जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के बीजापुर में शनिवार को नक्सलियों ने 700 जवानों को घेरकर हमला किया। इस हमले में 24 जवान शहीद हुए हैं। इनमें कोबरा बटालियन के 9, डीआरजी (DRG) के 8, एसटीएफ (STF) के 6 और बस्तरिया बटालियन का 1 जवान शामिल है। इस बीच, ग्राउंड जीरो का एक वीडियो सामने आया है जिसमें 20 जवानों के शव घटनास्थल पर ही दिखाई दे रहे हैं। ये शव गांव के करीब और जंगल में मिले हैं।  नक्सलियों ने दो दर्जन से ज्यादा हथियार लूट लिये और जवानों के जूते और कपड़े तक समेट ले गए। घटना का एक वीडियो करीब 24 घंटे बाद सामने आया और तब तक रेस्क्यू टीम यहां नहीं पहुंची थी। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नक्सली हमले के मद्देनजर असम में अपना चुनाव प्रचार अभियान बीच में ही छोड़कर दिल्ली लौट आए हैं।

मुठभेड़ के दौरान फंसे जवानों और शहीदों को लेने गई कई रेस्क्यू टीमों पर नक्सलियों ने फिर हमला कर दिया। इस दौरान नक्सलियों ने आईईडी (IED) ब्लास्ट भी किया। वहीं लापता हुए 21 में से 20 जवानों के शव लोकेट कर लिये गए हैं। उनको रिकवर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों और एयरफोर्स की मदद मांगी गई है।

20 दिन पहले मिली थी नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी

करीब 700 जवानों को नक्सलियों ने बीजापुर के तर्रेम इलाके में जोनागुड़ा पहाड़ियों के पास घेर लिया था। तीन घंटे चली मुठभेड़ में 9 नक्सली भी मारे गए हैं। करीब 30 जवान घायल हुए हैं। मुठभेड़ के बाद कुछ जवान लापता हैं। जिस इलाके में मुठभेड़ हुई है, वह नक्सलियों की फर्स्ट बटालियन का कार्यक्षेत्र है। 20 दिन पहले यूएवी (UAV) की तस्वीरों से यहां बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी।

ऑपरेशन की प्लानिंग पर सवाल

सीआरपीएफ (CRPF) के एडीडीपी ऑपरेशंस जुल्फिकार हंसमुख, केंद्र के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार, सीआरपीएफ के पूर्व डीजीपी के. विजय कुमार और मौजूदा आईजी ऑपरेशंस पिछले 20 दिनों से जगदलपुर, रायपुर और बीजापुर के क्षेत्रों मेंखुद मौजूद हैं। इसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में जवानों का शहीद होना पूरी ऑपरेशनल प्लानिंग पर सवाल खड़े कर रहा है।

नक्सलियों ने 3 तरफ से बरसाईं गोलियां

सुरक्षा बलों को जोनागुड़ा की पहाड़ियों पर नक्सलियों के डेरा जमाने की सूचना मिली थी। शुक्रवार रात को ही सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो, सीआरपीएफ की बस्तरिया बटालियन और स्पेशल टास्क फोर्स के दो हजार जवानों ने ऑपरेशन शुरू किया था। लेकिन, शनिवार को नक्सलियों ने 700 जवानों को घेरकर हमला किया था।

नक्सलियों ने एक बड़े एंबुश में जवानों को फंसा लिया और तीन ओर से फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ दोपहर करीब 12.30 बजे शुरू हुई और शाम करीब 5.30 बजे तक चली। इस दौरान नक्सलियों ने यूजीएनएल (UGNL), रॉकेट लांन्चर, इंसास और एके-47 से हमला किया।

पुलिस महानिरीक्षक पी सुंदरराज ने बताया कि मौके पर 180 नक्सलियों के अलावा कोंटा एरिया कमेटी, पामेड़ एरिया कमेटी, जगरगुंडा एरिया कमेटी और बासागुड़ा एरिया कमेटी के लगभग 250 नक्सली भी थे। सूचना मिली है कि नक्सली दो ट्रैक्टरों में शवों को ले गए हैं।

सीआरपीएफ  के महानिदेशक छत्तीसगढ़ पहुंचे

इस बीच सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह छत्तीसगढ़ पहुंच गए हैं। वे हालात का जायजा लेंगे। बीजापुर में हुए ऑपरेशन के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें लोकेशन पर जाने के निर्देश दिए थे।

नक्सलियों के खिलाफ मजबूती के साथ हमारी लड़ाई चलती रहेगी : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नक्सली हमले के मद्देनजर असम में अपना चुनाव प्रचार अभियान बीच में ही छोड़कर दिल्ली लौट आए हैं। असम विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी जितेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी दी है। गुवाहाटी में शाह ने कहा कि वे जवानों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनके परिवार और देश को विश्वास दिलाते हैं कि जवानों ने देश के लिए अपना जो खून बहाया है वह व्यर्थ नहीं जाएगा। नक्सलियों के खिलाफ मजबूती के साथ हमारी लड़ाई चलती रहेगी और हम इसे परिणाम तक ले जाएंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों के शहीद होने पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि जवानों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा। उनकी संवेदनाएं छत्तीसगढ़ में शहीद हुए जवानों के परिवारीजनों के साथ हैं। वीर शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना है।

23 मार्च को नक्सली ब्लास्ट में शहीद हुए थे 5 जवान

छत्तीसगढ़ में 10 दिन के अंदर यह दूसरा नक्सली हमला है। इससे पहले 23 मार्च को हुए हमले में 5 जवान शहीद हुए थे। यह हमला नक्सलियों ने नारायणपुर में आईडी ब्लास्ट के जरिए किया था। तर्रेम थाने से सीआरपीएफ, डीआरजी, जिला पुलिस बल और कोबरा बटालियन के जवान संयुक्त रूप से तलाशी अभियान पर निकले थे। इसी दौरान दोपहर में सिलगेर के जंगल में घात लगाए नक्सलियों ने उन हमला कर दिया।

शांति वार्ता प्रस्ताव भेजने के बाद से तेज हुए हमले

नक्सलियों ने बीते 17 मार्च को शांति वार्ता का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा था। नक्सलियों ने विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि वे जनता की भलाई के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने बातचीत के लिए तीन शर्तें भी रखी थीं। इनमें सशस्त्र बलों को हटाने, माओवादी संगठनों पर लगे प्रतिबंध हटाने और जेल में बंद उनके नेताओं की बिना शर्त रिहाई शामिल थीं।

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