नई दिल्ली। देशभर में कोरोना संक्रमण के रोज बढ़ते मामलों और साथ में दवाओं-ऑक्सीजन के लिए मचे हाहाकार के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लेकर सख्ती दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर यह पूछा है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए उसकी क्या योजना है। उच्च न्यायालयों में कोरोना से जुड़े मामलों की सुनवाई को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस जारी किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकरा से ऑक्सीजन और दवाओं की सप्लाई को लेकर भी जवाब मांगा है। कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह कोरोना से लड़ने के लिए अपनी राष्ट्रीय स्तर पर योजना बताए।

देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस मामले में हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी भी नियुक्त किया है। सुप्रीम कोर्ट ने चार अहम मुद्दों पर केंद्र सरकार से नेशनल प्लान मांगा है। इसमें पहला- ऑक्सीजन की सप्लाई, दूसरा- दवाओं की सप्लाई, तीसरा- वैक्सीन देने का तरीका और प्रक्रिया तथा चौथा- लॉकडाउन करने का अधिकार सिर्फ राज्य सरकार को हो, अदालत को नहीं। 

चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने इस दौरान यह भी कहा कि मौजूदा समय में देश के छह हाईकोर्ट में कोरोना से जुड़े मामलों की सुनवाई हो रही है। इनमें दिल्ली, बॉम्बे, सिक्किम, कलकत्ता और इलाहाबाद हाईकोर्ट शामिल हैं। मुख्य न्यायाधीश ने इतने हाईकोर्टों में सुनवाई को लेकर कहा, “इससे भ्रम पैदा हो रहा है।”

लाइव लॉ की खबर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल यानी कल होगी।

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