कोरोना की आपदा दिन प्रतिदिन विकराल रूप धारण करती जा रही है। अभी तक देश में दो लाख से अधिक लोग कोरोना की भेंट चढ़ चुके हैं। संक्रमितों के आंकड़े बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। निश्चित रूप से यह हमारे देश के लिए एक कठिन दौर है। ऐसे में समाज के सभी जिम्मेदार लोगों एवं बुद्धिजीवियों को यह प्रयास करना चाहिए कि भय एवं तनाव का माहौल नहीं बनने पाए। नकारात्मक एवं सनसनीखेज पोस्ट सोशल मीडिया पर डालने से बचें। इसके बजाय सकारात्मक खबरें और सकारात्मक बातें सोशल मीडिया पर साझा करें जिससे लोगों का आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ सके।
कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण दर बहुत तेजी से बढ़ी है मगर राहत की बात यह है कि इसकी मारक क्षमता में कमी आई है। इस समय मृत्यु दर घटकर 1.4 प्रतिशत पर आ गई है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि संक्रमित मरीजों में से 97-98 प्रतिशत लोग स्वस्थ होकर घर लौट रहे हैं। देश के कुछ राज्यों में हालात चिंताजनक अवश्य हैं मगर बेकाबू नहीं। इसलिए धैर्य और संयम बनाए रखें।
संक्रमितों की बेहतर चिकित्सा के लिए केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारें पूरी तत्परता से लगी हुईं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर फंड से ऑक्सीजन के 500 नए प्लांट लगाने की मंजूरी दी है जिससे ऑक्सीजन की कमी से किसी मरीज की मृत्यु न हो सके। उनके निर्देश पर रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाई हैं जो ऑक्सीजन के टैंकर लेकर कोरोना से अधिक प्रभावित राज्यों की राजधानियों तक सीधे पहुंच रही हैं ताकि गंभीर मरीजों को समय पर ऑक्सीजन मिल सके। ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर का आयात किया जा रहा है। रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली कंपनियों को इसका उत्पादन दस गुना तक बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक वर्चुअल मीटिंग के दौरान प्रदेश के समस्त जिला अधिकारियों को कोरोना के हालात से तत्परता से निपटने के कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने गंभीर मरीजों को अस्पतालों में भर्ती करवाने, उन्हें बेड उपलब्ध कराने, समय से ऑक्सीजन उपलब्ध कराने हेतु जिला अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात करने को सख्त निर्देश दिए हैं। मरीजों के इलाज में किसी भी प्रकार की गडबड़ी या कोताही पाए जाने पर वहां के सेक्टर मजिस्ट्रेट की जवाबदेही तय की गई है। लाखों चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी रात-दिन मरीजों के इलाज में जुटे हुए हैं।
सरकारें अपना काम कर रही हैं और इन सब प्रयासों के शीघ्र ही सार्थक परिणाम आने की उम्मीद है। तब तक जनसामान्य का यह कर्तव्य है कि देश में भय का माहौल न पनपने दें और अपने मनोबल को बनायें रखें। संयक और विवक ही कोरोना की जंग में जीत का मूलमंत्र है।
सुरेश बाबू मिश्रा
(साहित्यकार एवं सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य)