बरेली। कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच अस्पतालों में मरीजों से लूट और अव्यवस्थाओं मामला सामने आया है। निजी कोविड अस्पताल साईं सुखदा के मैनेजर ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफा जिलाधिकारी, सीएमओ और नोडल अधिकारी को भी भेजा है।
साईं सुखदा अस्पताल के मैनेजर अनुराग शर्मा का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन इस कोरोना महामारी के कहर के बीच मरीजों पर और गाज गिरा रहा है। अस्पताल प्रबंधन मरीजों को जमकर लूट रहा है और सरकार की कोविड गाइडलाइन का स्पष्ट उल्लंघन कर रहा है। हालात ये हैं कि कोविड मरीजों से कमरे के निर्धारित रेट की अपेक्षा दो से तीन गुना तक वसूला जा रहा है। इसके बावजूद पीपीई किट के पैसे अलग से लिये जा रहे हैं, जबकि सरकार द्वारा निर्धारित दरों में ही किट का मूल्य शामिल है।
अनुराग का कहना है कि जब अस्पताल को कोविड अस्पताल का दर्जा मिला तो प्रशासन ने स्पष्ट रूप से सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करने की शर्त पर दिया गया था।
अनुराग का कहना है कि जब उन्होंने अस्पताल से इस्तीफा देते हुए अपना हिसाब करने की बात कही तो अस्पताल प्रबंधन ने उनसे बदसुलूकी की। जब इसका विरोध किया तो देख लेने की धमकी भी दी।
इसके अलावा अस्पताल प्रबंधन ने अपने स्टाफ को कोविड मरीजों की देखभाल के लिए सैलरी में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का वायदा किया। लेकिन जब सैलरी का बिल बनाकर दिया गया तो अस्पताल के मालिक स्पष्ट मुकर गये। इतना ही नहीं निर्धारित आठ घण्टों की जगह स्टाफ से 12 घण्टे से भी अधिक की ड्यूटी करायी जा रही है। इससे जहां कर्मचारियों में रोष है वहीं मरीजों की देखभाल पर भी असर पड़ रहा है।
अनुराग का आरोप है कि साईं सुविधा अस्पताल की अव्यवस्थाओं की जांच एक उच्चस्तरीय विभागीय कमेटी बनाकर जिला प्रशासन कराये तो सच सामने आ जाएगा।
ये है निर्धारित दरें-
इस बारे में जब अस्पताल के मालिक डॉ. शरद अग्रवाल से उनके मोबाइल पर बात करने की कई बार कोशिश की गयी तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
कोविड के जिला सर्विलान्स अधिकारी डॉ. रंजन गौतम ने बताया कि मामला जानकारी में है। मैं स्वयं अस्पताल जाकर मामले की जांच करुंगा।