नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन ने एक बार फिर सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि शांति की कोशिशों के बीच चीन ने भारत से लगी सीमा पर नई हथियार प्रणालियां जुटानी शुरू कर दी हैं। गलवान घाटी में हिंसक झड़प के करीब एक साल बाद चीन की इन सैन्य गतिविधियों की वजह से इस बर्फीले रेगिस्तान में दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियों के बीच टकराव की आशंका बढ़ गई है।

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के भोंपी खबार ग्लोबल टाइम्स की रिपार्ट के अनुसार, “चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) नए सेल्फ-प्रोपेल्ड रैपिड-फायर मोर्टार की तैनाती कर रही है। इससे पूर्व 122 मिलीमीटर की सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्जर, हथियारबंद असॉल्ट व्हीकल, लंबी दूरी के मल्टिपल रॉकेट लॉन्चर लाए जा चुके हैं।”

गौरतलब है कि पिछले साल मई में चीनी सेना एलएसी से करीब 8 किलोमीटर अंदर तक आ गई थी। इसके बाद जून के मध्य में दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प में कई सैनिक शहीद हो गए थे।

जनरल नरवणे ने कहा- हमारे सैनिक डटे रहेंगे

भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर सभी मोर्चों पर तनाव खत्म होना जरूरी है। उससे पहले भारतीय सेना पीछे नहीं हटेगी। सेना हर हालात से निपटने को तैयार है। जनरल नरवणे ने कहा, “हम पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ दृढ़ता से और बिना तनाव बढ़ाए व्यवहार कर रहे हैं। भारतीय सेना इसे लेकर स्पष्ट है कि सीमा पर एकतरफा बदलाव नहीं करने दिया जाएगा। महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हमारे सैनिकों का नियंत्रण है। किसी भी आपात हालात से निपटने के लिए हमारे पास रिजर्व के रूप में पर्याप्त सेना है।”

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