लखनऊ। कोरोना संक्रमण काल के दौरान पंचायत चुनाव में मृत शिक्षकों समेत सभी सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार 30-30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। इसका प्रस्ताव बनाकर कैबिनेट को भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के बाद कोरोना संक्रमण की वजह से ब़ड़ी संख्या में शिक्षकों व अन्य सरकारी कर्मचारियों की मौत हुई थी। मरने वाले शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों की संख्या को लेकर विवाद चल रहा है। शिक्षक संगठनों का आरोप है कि सरकारी अधिकारी मृत शिक्षकों की संख्या छिपा रहे हैं। कैबिनेट को भेजे गए इस प्रस्ताव को इसी विवाद का पटाक्षेप करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
आपको याद होगा कि मृतकों की संख्या को लेकर विवाद को देखते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने एक सुसंगत फार्मूला खोजने को कहा था।
लम्बे अध्ययन और विचार-विमर्श के बाद तय किया गया कि चुनाव की तिथि के से 30 दिन के अंदर किसी भी कारण से मृत शिक्षकों व अन्य सरकारी कर्मचारियों के परिवार के लोगों को प्रदेश सरकार आर्थिक सहायता के रूप में 30-30 लाख रुपये की धनराशि प्रदान करेगी।
ये होगा आर्थिक मदद का आधार
अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश में पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने की तिथि से 30 दिन में जान गंवाने वाले शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों के परिवार का पूरा ख्याल रखा जाएगा। सरकार किसी भी कर्मचारी जिसका निधन कोरोना वायरस के संक्रमण से हुआ या फिर पोस्ट कोविड के कारण, के परिवार के साथ है। उसके परिवार को आर्थिक मदद का आधार कर्मचारी की कोविड-19 की किसी भी तरह की पाजिटिव रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट, सीटी स्कैन आदि को माना जाएगा। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी यदि 30 दिन के अंदर किसी का निधन होता है तो उसे भी कोविड से मृत्यु मानते हुए अनुग्रह राशि दी जाएगी।